भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में कोटा सुधारों को लागू करने में हो रही देरी पर कड़ी आपत्ति जताई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इस बहुपक्षीय संस्था के संचालन में किये जाने वाले इन सुधारों के अभाव में इसे अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन में मुश्किल होगी।
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लीमा (पेरू) : भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में कोटा सुधारों को लागू करने में हो रही देरी पर कड़ी आपत्ति जताई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इस बहुपक्षीय संस्था के संचालन में किये जाने वाले इन सुधारों के अभाव में इसे अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन में मुश्किल होगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्त समिति (आईएमएफसी) के पूर्ण सत्र में शुक्रवार को जेटली ने कहा ‘यदि आईएमएफ में कोटा एवं इसके संचालन में सुधारों को लागू नहीं किया जाता है तो अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष को अपने उत्तरदायित्व को निभाने में मुश्किल होगी।’ आईएमएफ कोटा सुधारों का लक्ष्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को बहुपक्षीय संस्था के संचालन में ज्यादा अधिकार देना है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में आईएमएफ की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने आईएमएफ कोटा की 41वीं आम समीक्षा के कार्यान्वयन में अप्रत्याशित देरी पर चिंता जाहिर की।
जेटली ने कहा कि आईएमएफ द्वारा अनुमानित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य उत्साहजनक नहीं है जिसका भारत के निर्यात पर असर होगा। भारत में पिछले लगातार दो साल से सामान्य कमजोर मानसून रहा है। उन्होंने ने कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने पिछले साल 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की जो 2013-14 में दर्ज 6.9 प्रतिशत से उल्लेखनीय रूप से अधिक है। इस साल भारत को इससे भी अच्छी वृद्धि दर पाने की उम्मीद है।