द्विपक्षीय व्यापार, निवेश को बढ़ावा देंगे भारत-मंगोलिया; सुषमा ने कहा, दोनों मुल्कों की दोस्त 6 दशक पुरानी
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द्विपक्षीय व्यापार, निवेश को बढ़ावा देंगे भारत-मंगोलिया; सुषमा ने कहा, दोनों मुल्कों की दोस्त 6 दशक पुरानी

दोनों देशों ने नई दिल्ली से मंगोलिया की राजधानी उलानबातर तक सीधी हवाई सेवा शुरू करने की संभावनाएं तलाशने पर भी सहमति जताई.

मंगोलियाई समकक्ष डी तोगतबातर के साथ संयुक्त मीडिया सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज. (MEAIndia/Twitter/25 April, 2018)

उलानबातर: भारत और मंगोलिया ने बुनियादी ढांचे के विकास, ऊर्जा, सेवाओं और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) जैसे क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग पर चर्चा की. इसके अलावा दोनों देशों ने नई दिल्ली से मंगोलिया की राजधानी उलानबातर तक सीधी हवाई सेवा शुरू करने की संभावनाएं तलाशने पर भी सहमति जताई. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने छठी भारत-मंगोलिया संयुक्त समिति की बैठक के बाद अपने मंगोलियाई समकक्ष डी तोगतबातर के साथ संयुक्त मीडिया सम्मेलन में कहा कि दोनों देश साझा हित के सभी क्षेत्रों में सहयोग की खातिर नए क्षेत्रों की पहचान करने और द्विपक्षीय सहयोग एवं निवेश बढ़ाने पर सहमत हुए हैं.

  1. दोनों पक्षों ने मंगोलिया में रिफाइनरी परियोजना की प्रगति की समीक्षा की.
  2. दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 2016 में 2.56 करोड़ डॉलर रहा था.
  3. दोनों देश द्विपक्षीय सहयोग एवं निवेश बढ़ाने पर सहमत हुए हैं.

स्वराज ने कहा कि भारत, मंगोलिया को पूर्वी एशिया में स्थिरता लाने वाले कारक के रूप में देख रहा है और उसका मानना है कि इस क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने के लिए मंगोलिया का सामाजिक एवं आर्थिक विकास महत्वपूर्ण है.संयुक्त समिति की बैठक के दौरान दोनों देशों ने वैश्विक चुनौतियों खासकर आतंकवाद से निपटने पर चर्चा की और आंतकी संगठनों को समर्थन देने वालों को रोकने के लिए द्विपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर सहमति जताई.

दोनों पक्षों ने मंगोलिया में रिफाइनरी परियोजना समेत आपसी सहयोग वाली मौजूदा परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. स्वराज ने कहा , " हमने अधिकारियों को इन परियोजनाओं में तेजी लाने का निर्देश दिया है. आज भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. अपने प्राकृतिक संसाधनों और विकास की मजबूत आकांक्षा के बल पर मंगोलिया भी भारत की वृद्धि में महत्वपूर्ण भागीदार साबित हो सकता है. "

स्वराज रविवार को मंगोलिया की दो दिवसीय यात्रा पर पहुंची हैं. वह 42 साल में मंगोलिया की यात्रा पर आने वाली पहली भारतीय विदेश मंत्री हैं.

स्वराज ने कहा कि भारत और मंगोलिया की साझेदारी छह दशक पुरानी है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत हुए हैं. यह हमारी व्यापक एवं गहन रणनीतिक भागीदारी में दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "ऐतिहासिक यात्रा" ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाया है.

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने बैठक के दौरान बुनियादी ढांचे के विकास, ऊर्जा, सेवाओं और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग पर चर्चा की. स्वराज ने कहा कि हम मंगोलिया के लोगों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसमें आईटी और अंग्रेजी भाषा का प्रशिक्षण शामिल है.

दोनों पक्ष व्यापार, पर्यटन एवं लोगों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए सांस्थानिक और तार्किक बाधाओं को दूर करने के लिए राजी हुए हैं. इस संबंध में दोनों देशों की राजधानियों के बीच सीधी हवाई सेवा शुरू करने की संभावनाएं तलाशने पर भी रजामंदी बनी है. दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 2016 में 2.56 करोड़ डॉलर रहा था.

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