बैंकों ने ब्याज दर तय करने के लिए नया फार्मूला अपना लिया है जिससे उपभोक्ता ऋण सस्ते होंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का त्वरित और प्रभावी फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए बैंकों से उक्त फार्मूला अपनाने को कहा था।
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नई दिल्ली: बैंकों ने ब्याज दर तय करने के लिए नया फार्मूला अपना लिया है जिससे उपभोक्ता ऋण सस्ते होंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का त्वरित और प्रभावी फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए बैंकों से उक्त फार्मूला अपनाने को कहा था।
एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक के बाद आईसीआईसीआई, बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई ने भी कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर प्रणाली अपनाने की घोषणा की। कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक तथा ओबीसी ने भी ब्याज दर गणना का नया फार्मूला अपनाने की घोषणा की है। एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक सहित अन्य बैंकों ने कहा था कि वे ब्याज दर निर्धारण का नया फार्मूला एक अप्रैल से अपनाएंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) से ब्याज दरों में 1% तक की कटौती आ सकती है। रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा थाकि वह 3 साल की अवधि तक के ऋणों पर बयाज दर कोष की सीमांत लागत के आधार पर तय करें।
आईसीआईसीआई बैंक ने एक बयान में कहा कि 3 माह के कर्ज के लिए उसने 9.10% की ब्याज दर तय की है। 6 माह के लिये 9.15% और एक साल के लिए 9.20% ब्याज दर तय की है। बैंक की आधार दर यानी कर्ज की न्यूनतम ब्याज दर 9.35% है। इसी प्रकार कोटा महिन्द्रा बैंक ने एक साल के कर्ज पर 9.60% और 3 साल के कर्ज के लिए 9.65% की दर तय की है। कोटक महिन्द्रा बैंक की आधार दर 9.50% है।