मेक इन इंडिया की तर्ज पर भारतीय पटाखों को बढ़ावा देंगे मैन्युफेक्चरर्स
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मेक इन इंडिया की तर्ज पर भारतीय पटाखों को बढ़ावा देंगे मैन्युफेक्चरर्स

‘मेक इन इंडिया’ अभियान की तर्ज पर तमिलनाडु के पटाखा मैन्युफैक्चरर इस बार चीन से गैरकानूनी तरीके से आयातित पटाखों का मुकाबला करने की तैयारी कर रहे हैं। पटाखे बनाने वाले देश में बने पटाखों की अवधारणा को प्रोत्साहित करेंगे।

फाइल फोटो (प्रतीकात्मक)

चेन्नई : ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की तर्ज पर तमिलनाडु के पटाखा मैन्युफैक्चरर इस बार चीन से गैरकानूनी तरीके से आयातित पटाखों का मुकाबला करने की तैयारी कर रहे हैं। पटाखे बनाने वाले देश में बने पटाखों की अवधारणा को प्रोत्साहित करेंगे।

तमिलनाडु फायरक्रेकर्स एंड एमोर्सिस मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस अबिरबेन ने कहा कि तमिलनाडु के पटाखा मैन्युफेक्चरर्स ने केंद्र और राज्य सरकार के सामने चीन से गैरकानूनी तरीके से आयातित पटाखों का मुद्दा उठाया है।

उन्होंने कहा, 'देश में आपूर्ति किए जाने वाले 90 फीसदी पटाखे शिवकाशी (तमिलनाडु) में बनते हैं। पटाखा उद्योग करीब छह हजार करोड़ रुपये का है। हमने प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान की तर्ज पर लोगों में भारत में बने पटाखों को खरीदने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है।' 

उन्होंने कहा कि करीब पांच लाख परिवार इस उद्योग पर निर्भर हैं। अवैध आयात से उद्योग प्रभावित हो रहा है। चीनी पटाखों की वजह से करीब 30 फीसदी कारोबार पर असर पड़ा है।

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