भारतीय रेलवे की तरफ से 2022 तक 100 फीसदी इलेक्ट्रिफिकेशन का लक्ष्य रखा गया है. पूरे रेल नेटवर्क को इलेक्ट्रिक लाइन से जोड़ देने के बाद डीजल इंजन चलना बंद हो जाएगी जिससे प्रदूषण पर बहुत हद तक नियंत्रण होगा.
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नई दिल्ली: मोदी सरकार ने रेलवे के क्षेत्र में बहुत काम किया है. देश के कई सुदूर इलाकों को रेलमार्गों को जोड़ा गया. इसके अलावा स्टेशनों को खूबसूरत बनाया गया, यात्रियों की सुविधाओं में विस्तार किया गया, पैसेंजर्स की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई शुरू हुई, चलती ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए गए, खाने-पीने का बेहतर प्रबंध किया गया. इस बजट में तो रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और विस्तार के लिए अगले दस सालों में 1 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है.
इन सब के अलावा रेलवे के इलेक्ट्रिफिकेशन पर बहुत ज्यादा जोर दिया. भारतीय रेलवे की तरफ से 2022 तक 100 फीसदी इलेक्ट्रिफिकेशन का लक्ष्य रखा गया है. पूरे रेल नेटवर्क को इलेक्ट्रिक लाइन से जोड़ देने के बाद डीजल इंजन चलना बंद हो जाएगी जिससे प्रदूषण पर बहुत हद तक नियंत्रण होगा. इसके अलावा स्पीड में भी तेजी आएगी. रेलमंत्री पीयूष गोयल लगातार कहते आ रहे हैं हम धीरे-धीरे औसत गति को बढ़ाने जा रहे हैं, जिससे यात्रा में कम समय लगे और ज्यादा से ज्यादा यात्री ट्रेन से सफर करें. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने पर ऑपरेटिंग कॉस्ट में कमी आएगी.
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मिशन इलेक्ट्रिफिकेशन 2022 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन को आदेश जारी किया है कि 31 साल पुराने डीजल इंजन के इस्तेमाल को बंद किया जाए. इसकी शुरुआत नॉर्दर्न रेलवे से होगी. रेलवे सूत्रों के मुताबिक 25-30 साल पुराने डीजल इंजन की एफिशिएंसी यानी कार्यक्षमता काफी कम हो जाती है और ऐसे पुराने डीजल इंजन को ऑपरेट करने में काफी खर्च आता है.