मोदी सरकार के अच्छे दिन : भारतीय अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, चौथी तिमाही में जीडीपी बढ़कर हुई 7.9 प्रतिशत
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मोदी सरकार के अच्छे दिन : भारतीय अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, चौथी तिमाही में जीडीपी बढ़कर हुई 7.9 प्रतिशत

भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ते हुए बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है। इस तरह भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से पूरे वित्त वर्ष 2015-16 के लिए अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पांच साल के उच्चस्तर 7.6 प्रतिशत पर रही है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, चौथी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जहां 9.3 प्रतिशत रही, वहीं कृषि क्षेत्र की 2.3 प्रतिशत रही।

मोदी सरकार के अच्छे दिन : भारतीय अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, चौथी तिमाही में जीडीपी बढ़कर हुई 7.9 प्रतिशत

नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ते हुए बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है। इस तरह भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। विनिर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से पूरे वित्त वर्ष 2015-16 के लिए अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पांच साल के उच्चस्तर 7.6 प्रतिशत पर रही है।

वित्त वर्ष 2015-16 के प्रभावशाली आंकड़ों से उत्साहित सरकार ने कहा है कि बेहतर मानसून से चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 8 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। 2014-15 में वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी। कृषि क्षेत्र भी गिरावट से उबरकर वृद्धि हासिल करने में सफल रहा है। वित्त वर्ष के दौरान कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर निचले स्तर 1.2 प्रतिशत पर ही रही है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, चौथी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जहां 9.3 प्रतिशत रही, वहीं कृषि क्षेत्र की 2.3 प्रतिशत रही।

अप्रैल में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर के आंकड़ों से भी पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं। माह के दौरान बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रही। सीएसओ ने 2015-16 की पिछली तीनों तिमाहियों के वृद्धि दर के आंकड़े भी संशोधित किये हैं। अप्रैल-जून-2015 तिमाही के लिए इसे बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया। इसी तरह जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए इसे 7.6 प्रतिशत तथा अक्तूबर-दिसंबर के लिए 7.2 प्रतिशत किया गया है। वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 7.6 प्रतिशत की वृद्धि का आंकड़ा सीएसओ के इस साल फरवरी में जारी राष्ट्रीय आय के अग्रिम अनुमान के अनुरूप ही रहा है।

जीडीपी के आंकड़ों पर आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने कहा कि बेहतर कृषि उत्पादन से भारत 8 प्रतिशत की वृद्धि दर की ओर बढ़ सकता है। वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा, ‘हम इस वृद्धि के आंकड़े को और बढ़ाने के लिए काम करेंगे। हम बुनियादी ढांचा तथा सामाजिक खर्च में बढ़ोतरी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’ नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने ट्वीट किया, ‘चौथी तिमाही में वृद्धि दर 8 प्रतिशत के जादुई आंकड़े के करीब 7.9 प्रतिशत पर रही। आगे अच्छे दिन आने वाले हैं।’ 

उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था 2016-17 में 8 प्रतिशत के आसपास की वृद्धि दर हासिल करेगी। फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन नेवतिया ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 की वृद्धि दर अग्रिम अनुमान के अनुरूप है। मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में यह बेहतरीन प्रदर्शन है। सीएसओ के आंकड़ों के अनुसार चौथी तिमाही में खान एवं खनन क्षेत्र की वृद्धि 8.6 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य बुनियादी सुविधाओं की वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत रही।

वहीं निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत, व्यापार, होटल, परिवहन ओर संचार क्षेत्र की 9.9 प्रतिशत, वित्त, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की 9.1 प्रतिशत, लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रही। सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) की नई अवधारणा के अनुसार 2015-16 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 1.2 प्रतिशत रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में इस क्षेत्र में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी। विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 9.3 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 5.5 प्रतिशत रही थी।

मौजूदा मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 2015-16 में 93,293 रपये रहने का अनुमान है, जबकि 2014-15 के पहले संशोधित अनुमान में यह 86,879 रपये रही थी। इस तरह इसमें 7.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आंकड़ों के अनुसार 2015-16 में सकल घरेलू उत्पाद मौजूदा मूल्य पर 135.76 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान है, जो 2014-15 के पहले संशोधित अनुमान 124.88 लाख करोड़ रूपये से 8.7 प्रतिशत अधिक है।

वास्तविक जीडीपी या स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी के 113.50 लाख करोड़ रूपये रहने का अनुमान है जो 2014-15 के पहले संशोधित अनुमान 105.52 लाख करोड़ रूपये से 7.6 प्रतिशत अधिक है।

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