नई दिल्ली: लोन मोराटोरियम (Loan Moratorium) के दौरान ब्याज पर ब्याज (Compound Interest) सरकार सभी कर्जदारों को वापस करेगी. इसका ऐलान सरकार खुद कर चुकी है. दिवाली (Diwali) से पहले 5 नवंबर तक कर्जदारों के खातों में 'कैशबैक' की रकम आ जाएगी. कैशबैक की रकम किसको मिलेगी, कितनी मिलेगी, ये तमाम तरह के सवाल अब भी लोगों के मन में हैं. 


सरकार ने साफ की तस्वीर


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इन्हीं सवालों के जवाब वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने दिए हैं. FAQs यानी लगातार पूछे जाने वाले सवालों के जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया है कि कौन से लोग और कौन से लोन इस ब्याज पर ब्याज कैशबैक स्कीम के दायरे में हैं और कौन से नहीं. 


सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) को बताया है कि वह 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज का भुगतान खुद करेगी. लेकिन इसमें अब कुछ जानकारियां सामने आ रही हैं. जिसके मुताबिक 2 करोड़ रुपये तक के सभी लोन इस लोन मोरेटोरियम राहत पैकेज का हिस्सा नहीं हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप भी ये जांच लें कि इस कैशबैक स्कीम का फायदा आपको मिलने वाला भी है या नहीं. 


इन्हें नहीं मिलेगा 'कैशबैक' स्कीम का फायदा


वित्त मंत्रालय की ओर से जारी सवाल-जवाब के सेट में बताया है कि अगर आपने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), शेयर्स और बांड्स के बदले में लोन लिया है तो इस ब्याज पर ब्याज माफी स्कीम का फायदा .यह कर्ज सरकार की राहत की स्कीम से बाहर है. इसके अलावा इस स्कीम का फायदा उन लोगों को भी नहीं मिलेगा, जिनके लोन अकाउंट 31 मार्च के पहले से ही एनपीए चल रहे होंगे. 


'कैशबैक' के लिए अप्लाई करने की जरूरत नहीं 


सरकार ने लोगों के लिए 1 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 के दौरान लोन मोराटोरियम का ऐलान किया था. इसी अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज कैशबैक का फायदा मिलेगा. इन 6 महीनों के  दौरान 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर यह राहत मिलेगी.


अगर किसी ने इस लोन मोरेटोरियम का फायदा नहीं भी लिया, यानी लोन की EMI चुकाते रहे हैं उसको ब्याज पर ब्याज और साधारण ब्याज के बीच का जो फर्क होगा, वह कैश के रूप में मिलेगा. यह पैसा बैंक अपने आधार पर गणना करके आपके बैंक खाते में डाल देगा. इसके लिए किसी कर्जदार को अलग से अप्लाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.


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