13,578 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन (इंटरपोल) ने सोमवार को नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) जारी कर दिया है.
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नई दिल्ली: 11 मुल्कों की पुलिस को 'डॉन' की तलाश थी, लेकिन उसे पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था. कुछ समय पहले तक यह डॉयलॉग हर किसी की जुबां पर हुआ करता था. लेकिन, अब पीएनबी घोटाले का आरोपी और भगोड़े, घोटालेबाज और हीरा कारोबारी नीरव मोदी डॉन से भी बड़ा हो गया है. क्योंकि, उसकी तलाश 11 नहीं बल्कि 192 देशों की पुलिस को है. दरअसल, 13,578 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन (इंटरपोल) ने सोमवार को नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) जारी कर दिया है. पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड के आरोपी नीरव मोदी के खिलाफ विदेश में यह पहला एक्शन है. नीरव मोदी के अलावा, इंटरपोल ने उनके भाई निश्चल मोदी और कंपनी के एग्जिक्युटिव सुभाष परब को भी 13578 करोड़ रुपए के घोटाले में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है. नीरव और उनके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नशनल बैंक के साथ बड़ी धोखाधड़ी करने का आरोप है.
CBI-ED की मांग पर जारी किया नोटिस
आपको बता दें, नीरव मोदी के खिलाफ फरवरी में एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद भारतीय जांच एजेंसियों ने RCN जारी करने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया था. सूत्रों के मुताबिक, CBI और ED के धोखाधड़ी, क्रिमिनल कॉन्सपिरेंसी, करप्शन, मनी लॉन्ड्रिंग के केस में यह नोटिस जारी किया गया है.
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इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस क्या है ?
भगोड़े नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस में इंटरपोल ने अपने सहयोगी 192 देशों से उसे गिरफ्तार करने को कहा है. इंटरपोल ने कहा है कि नीरव मोदी को देखते ही गिरफ्तार कर लिया जाए. विदेश में नीरव मोदी की गिरफ्तारी के बाद उसके एक्स्ट्राडिशन यानी भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने का उद्देश्य अन्य देशों को आरोपी के बारे में सतर्क करना है. इससे आरोपी की यात्रा पर रोक लगेगी और उसे संबंधित देश में औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया जाएगा.
Red Corner Notice issued against Nirav Modi by Interpol in connection with #PNBScamCase pic.twitter.com/pOeE09SCUy
— ANI (@ANI) July 2, 2018
पासपोर्ट रद्द के बाद भी ट्रैवल कर रहा था नीरव
सीबीआई ने 15 फरवरी को डिफ्यूशन नोटिस जारी कर नीरव मोदी के हर कदम पर निगाह रखने की मांग की थी. हालांकि, उसे कोई खास कामयाबी नहीं मिली थी. क्योंकि, ब्रिटेन के अलावा किसी और ने सीबीआई की इस मांग का जवाब नहीं दिया था. इस दौरान नीरव मोदी पासपोर्ट रद्द होने के बाद एक देश से दूसरे देश में यात्रा कर रहा था. सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा था कि पासपोर्ट रद्द करने के बाद डिफ्यूजन नोटिस में जारी की गई. इंटरपोल के सभी सदस्यों को भी 24 फरवरी को इस संबंध में जानकारी दी गई थी.
CBI ने 6 देशों से मांगी जानकारी
सीबीआई ने कुछ समय पहले 6 देशों से नीरव मोदी के संबंध जानकारी मांगी थी. सीबीआई को आशंका थी कि इन देशों में नीरव मोदी ने यात्रा की है. एजेंसी ने इन देशों से नीरव मोदी की जानकारी और उसके हर कदम की जानकारी शेयर करने का अनुरोध था. सीबीआई ने 25 अप्रैल, 22 मई, 24 मई और 28 मई को इंटरपोल कॉरडिनेशन एजेंसी को रिमाइंडर्स भेजे थे. इसी तरह की जानकारी अमेरिका, सिंगापुर, बेल्जियम, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स और फ्रांस से भी मांगी गई थी.
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क्या है रेड कॉर्नर नोटिस?
इंटरपोल कुल मिलाकर 7 तरह के नोटिस जारी करता है. इनमें से छह नोटिस के नाम कलर के नाम पर रखे गए हैं. रेड कॉर्नर नोटिस भी इन्हीं में से एक होता है. इसके अलावा, ब्लू, ग्रीन, येलो, ब्लैक, ऑरेंज और इंटरपोल यूएन नाम से नोटिस जारी किए जाते हैं. रेड कॉर्नर नोटिस को किसी सदस्य देश के कहने पर जारी किया जाता है. इसका मकसद सभी सदस्य देशों को यह सूचना देना होता है कि आरोपी शख्स के खिलाफ उसके देश में अरेस्ट वॉरंट जारी हो चुका है. रेड कॉर्नर नोटिस इंटरनेशनल अरेस्ट वॉरंट नहीं होता क्योंकि अरेस्ट वॉरंट जारी करने का हक संबंधित देश को ही है. लेकिन मोटे तौर पर इसे इंटरनेशनल अरेस्ट वॉरंट की तरह ही लिया जाता है. इंटरपोल ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने के लिए न तो अपने अधिकारियों को भेजता है और न ही अपने सदस्य देशों में से किसी से यह डिमांड करता है कि उस शख्स को गिरफ्तार किया जाए.