वर्ष 2017 में शेयरों ने दिया निवेशकों को जोरदार रिटर्न, सोना नहीं दिखा सका 'दम'
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वर्ष 2017 में शेयरों ने दिया निवेशकों को जोरदार रिटर्न, सोना नहीं दिखा सका 'दम'

वर्ष 2016 में अंतिम कारोबारी सत्र में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 26,626.66 अंक पर बंद हुआ था, जबकि इन दिनों यह 33,400 अंक के स्तर पर है.

वर्ष 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में शेयरों में निवेश करने वालों को 50 प्रतिशत का नुकसान हुआ था. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: शेयर बाजार निवेशकों के लिए साल 2017 जोरदार रहा. शेयरों ने निवेशकों को इस साल 25 प्रतिशत से अधिक का प्रतिफल दिया, वहीं दूसरी ओर निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाने वाला सोना निवेशकों को डेढ़-दो प्रतिशत रिटर्न ही दे पाया. विशेषज्ञों का कहना है कि शेयरों में निवेश पर हमेशा अधिक रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होता है. वहीं सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प है, लेकिन इसमें औसत रिटर्न शेयरों की तुलना में कम रहता है, लेकिन यह तय है कि इसमें घाटे की संभावना काफी सीमित होती है. विशेषज्ञों के अनुसार इस साल सेंसेक्स 25 प्रतिशत चढ़ा है और नरेंद्र मोदी सरकार के सुधारों को आगे बढ़ाने के प्रयासों को देखते हुये ऐसा अनुमान है कि अगले साल भी सेंसेक्स 25 प्रतिशत तक प्रतिफल देगा और यह 40,000 अंक के आसपास पहुंच जायेगा.

वर्ष 2016 में अंतिम कारोबारी सत्र में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 26,626.66 अंक पर बंद हुआ था, जबकि इन दिनों यह 33,400 अंक के स्तर पर है. इस प्रकार वर्ष के दौरान शेयर सूचकांक में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यानी यदि किसी ने एक जनवरी को शेयरों में एक लाख रुपये लगाए थे, तो आज की तारीख में उनके निवेश का मूल्य बढ़कर 1,25,000 रुपये हो गया. वहीं दूसरी ओर 31 दिसंबर, 2016 को सोना 28,984 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था जो कि इस समय 29,500 रुपये के आसपास चल रहा है. यानी वर्ष के दौरान सोने में निवेश पर रिटर्न डेढ़ से दो प्रतिशत तक ही मिला.

ऐतिहासिक रूप से सोने को निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाता है, लेकिन यह भी सच है कि इसमें रिटर्न बहुत अधिक नहीं मिल पाता. हालांकि, पिछले साल सोने ने करीब दस प्रतिशत रिटर्न दिया था. लेकिन सोने की कीमतों पर गौर किया जाए, तो 2017 के दिसंबर महीने में यह 29,000 रुपये के दायरे में है. वहीं वर्ष, 2011 दिसंबर में भी यह 29,000 रुपये से ऊपर था. दिसंबर, 2012 में यह 31,000 रुपये से अधिक था. इस तरह देखा जाए, तो आज पांच साल बाद सोने का दाम नीचे चल रहा है. दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल ने ‘भाषा’ से कहा कि सोने में निवेश पर कभी घाटा नहीं होता. हालांकि, सोने में उतार-चढ़ाव की गुंजाइश अधिक रहती है, इसलिए निवेशकों को स्थिति देखकर खरीद-बिक्री करनी चाहिए.

गोयल ने कहा कि आज भी सोना ही निवेश का सुरक्षित विकल्प है. इसे पूरे साल के हिसाब से नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह ऊपर नीचे होता रहता है. आज बेशक सोना 29,500 रुपये है, लेकिन दो महीने पहले यह 31,500 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया था. ऐसे में स्मार्ट निवेशकों ने उस समय बिकवाली कर अच्छा रिटर्न कमाया था.

दिल्ली शेयर बाजार के पूर्व अध्यक्ष एवं ग्लोब कैपिटल मार्किट लिमिटेड के चेयरमैन अशोक अग्रवाल ने कहा कि शेयर बाजार में इस साल स्थिति बेहतर रही है. इसकी मुख्य वजह राजनीतिक स्थिरता के साथ साथ केन्द्र सरकार द्वारा सुधारों की दिशा में उठाये गये ठोस कदम रहा है. इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के साथ ही अब घरेलू संस्थानों का भी बाजार में निवेश बढ़ा है. म्यूचुअल फंड उद्योग मजबूत हो रहा है. भविष्य निधि कोष से भी बाजार में निवेश हो रहा है. इससे बाजार को मजबूती मिली है.

सीएनआई रिसर्च के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किशोर पी ओस्तवाल ने भी कहा, ‘‘सरकार ने जो सुधार आगे बढ़ाए हैं, उससे अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरी है. इससे शेयरों में निवेश करना आज काफी अच्छा विकल्प हो गया है.’’ शेयर बाजार के पिछले रिकॉर्ड को देखा जाये तो 2016 में सेंसेक्स ने भी एक-दो फीसद का रिटर्न ही दिया था, जबकि 2015 में शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों को घाटा हुआ था. इससे पहले 2014 में 30 प्रतिशत का रिटर्न निवेशकों को मिला था.

वर्ष 2008 में वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में शेयरों में निवेश करने वालों को 50 प्रतिशत का नुकसान हुआ था. हालांकि, 2009 में शेयरों ने 90 प्रतिशत के करीब रिकॉर्ड प्रतिफल दिया था. ओस्तवाल कहते हैं कि अर्थव्यवस्था जैसे-जैसे रफ्तार पकड़ेगी उससे शेयर बाजार और मजबूत होंगे. वह मानते हैं कि नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था कुछ प्रभावित जरूर हुई थी, लेकिन अब यह अपनी राह पर आ गई है.

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