‘ईरान की 2.95 डॉलर पर गैस की पेशकश, भारत करेगा एक लाख करोड़ रुपये निवेश’
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‘ईरान की 2.95 डॉलर पर गैस की पेशकश, भारत करेगा एक लाख करोड़ रुपये निवेश’

ईरान ने फारस की खाड़ी स्थित चाबहार बंदरगाह पर भारत द्वारा तैयार किये जाने वाले यूरिया संयंत्र के लिये 2.95 डॉलर प्रति इकाई के भाव पर गैस देने की पेशकश की है। हालांकि, भारत चाहता है कि ईरान भाव में कुछ और कमी लाए।

नई दिल्ली : ईरान ने फारस की खाड़ी स्थित चाबहार बंदरगाह पर भारत द्वारा तैयार किये जाने वाले यूरिया संयंत्र के लिये 2.95 डॉलर प्रति इकाई के भाव पर गैस देने की पेशकश की है। हालांकि, भारत चाहता है कि ईरान भाव में कुछ और कमी लाए।

अमेरिका तथा अन्य पश्चिमी देशों द्वारा ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों में ढील दिये जाने के बाद भारत चाबहार बंदरगाह पर गैस आधारित यूरिया कारखाना लगाने के लिये ईरान के साथ बातचीत कर रहा है। इसके साथ ही ओएनजीसी द्वारा खोजे गये गैस क्षेत्र का विकास भी कर रहा है।

सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने आज (बुधवार) कहा कि इन परियोजनाओं में कुल निवेश करीब 1,00,000 करोड़ रुपये का होगा।

बंदरगाह के विकास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘विभिन्न मंत्रालय 28 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट देंगे। उसके आधार पर निर्णय लिया जायेगा। भारत एक लाख करोड़ रुपये निवेश को तैयार है लेकिन यह ईरान के साथ बातचीत पर निर्भर है।’ प्राकृतिक गैस आपूर्ति के बारे में गडकरी ने कहा, ‘ईरान में चाबहार बंदरगाह पर यूरिया संयंत्र लगाने पर ईरान 2.95 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) के दाम पर गैस देने की पेशकश कर रहा है। भारत गैस कीमत पर बातचीत कर रहा है और हमने 1.5 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की मांग की है।’ ईरान ने जिस भाव पर गैस देने की पेशकश की है, वह भारत द्वारा हाजिर बाजार से आयात किये जा रहे भाव से से आधे से कम है। कतर से दीर्घकलीन गैस आपूर्ति की लागत ईरान से चार गुना अधिक है।

गडकरी ने कहा, ‘भारत ईरान में बड़े पैमाने पर निवेश करने को तैयार है। अगर यूरिया संयंत्र लगाया जाता है, इससे भारत में यूरिया के दाम में 50 प्रतिशत की कमी आएगी और साथ ही सब्सिडी में कमी होगी जो फिलहाल 80,000 करोड़ रुपये है।’ 

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