इंश्योरेंस रेग्युलेटर इरडा (IRDAI) ने लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स से जुड़ी नए नियम जारी किए हैं.
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नई दिल्ली : इरडा (IRDAI) ने नियमों में बदलाव कर पारंपरिक लाइफ इंश्योरेंस स्कीम्स में पॉलिसी होल्डर की मृत्यु होने पर न्यूनतम सम एश्योर्ड सालाना प्रीमियम के 10 गुना से घटाकर सात गुना कर दिया है, जिसका असर लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाली टैक्स छूट पर पड़ेगा. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक छूट पॉलिसी के सम एश्योर्ड के अधिकतम 10 प्रतिशत सालाना प्रीमियम पर ही छूट मिल सकती है. उदाहरण के तौर पर अगर 7 लाख सम एश्योर्ड की पॉलिसी पर अधिकतम 70 हजार ही छूट मिलेगी लेकिन सात गुना सालाना प्रीमियम वाली पॉलिसी है तो 1 लाख प्रीमियम पर 70 हजार रुपये तक ही टैक्स छूट मिलेगी और बाकी 30 हजार पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी.
80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट
JMP एडवाइजर्स के डायरेक्ट टैक्स हेड राजेश अठावले के मुताबिक बीमा प्रीमियम पर समएश्योर्ड के 10 प्रतिशत तक इनकम टैक्स में सेक्शन 80C में अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है और 10 प्रतिशत तक प्रीमियम पर में मैच्योरिटी राशि भी टैक्स फ्री है, नए नियमों के बाद कई नई पॉलिसी में पूरी छूट नहीं मिलेगी लेकिन इनकम टैक्स एक्ट में बदलाव के बाद पूरी छूट मुमकिन है. इंश्योरेंस कंपनियां सरकार पर बदलाव के लिए जोर लगाएगी.
इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस की MD आरएम विशाखा के मुताबिक सम एश्योर्ड सालाना प्रीमियम के 10 गुना से घटाकर सात गुना करने से ग्राहकों को कम अवधि के बेहतर प्रोडक्ट्स ऑफर कर पाना मुमकिन होगा. इनकम टैक्स छूट के अतिरिक्त दिया गया प्रीमियम मैच्योरिटी राशि के लिए भी टैक्सेबल होगा. इंश्योरेंस रेग्युलेर ने बदलाव प्रोडक्ट्स को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए किए है जिसका एक मकसद कम अवधि के लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स भी ग्राहकों को ऑफऱ किए जा सके लेकिन इनकम टैक्स एक्ट में टैक्स छूट के प्रावधान किए बदलावों के सामने आएंगे.
नियमों में बदलाव से पॉलिसी होल्डर्स पर कुछ पॉलिसी में टैक्स छूट पर असर पड़ेगा लेकिन इनकम एक्ट में बदलाव कर इसे एक समान किया जा सकता है और इंश्योरेंस कंपनियों ने सरकार से इसकी गुजारिश करना शुरु कर दिया है.