फरवरी में आए बजट में सरकार ने बिल्डर्स के लिए अगर फ्लैट नहीं बिक पाते हैं तो काल्पनिक किराये की मियाद को बढ़ाकर एक साल की राहत दी है. ये मियाद मार्च में खत्म हो रही थी. लेकिन सरकार ने इसे बढ़ाकर मार्च 2020 तक कर दिया है.
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नई दिल्ली: बिल्डर्स के खाली पड़े फ्लैट पर इनकम टैक्स विभाग जबरदस्ती किराये से कमाई नहीं मान सकता. पुणे के इनकम टैक्स अपील ट्रिब्यूनल ने ये आदेश रियल एस्टेट कंपनी कोल्ते पाटिल डेवलपर्स के मामले में दिया है. ट्रिब्यूनल ने आदेश में कहा कि बिल्डर्स के लिए खाली फ्लैट स्टॉक इन ट्रेड की कैटेगरी में आएंगे. इसलिए, खाली पड़े फ्लैट पर किराये से कमाई की शर्त नहीं लागू होनी चाहिए. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की दलील थी कि बिल्डर के पास 2 से ज्यादा मकान थे, इसलिए इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी की शर्त लागू होनी चाहिए. लेकिन इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल ने दलील को नहीं माना.
यह मामला कारोबारी साल 2011-12 का था. इस मियाद के दौरान कोल्ते पाटिल डेवलपर्स के पुणे के एक प्रोजेक्ट में 32 फ्लैट बिना बिके थे. इस फैसले से इस मियाद में चल रहे दूसरे बिल्डर्स को भी फायदा हो सकता है. कोल्ते पाटिल ने पुणे के एक प्रोजेक्ट से अपनी आय 32 करोड़ 75 लाख रुपए के करीब दिखाई थी. लेकिन इनकम टैक्स अधिकारियों ने रेंटल इनकम की आय और दूसरे कई टैक्स राहतों को हटाकर कर कुल आय को 37 करोड़ 67 लाख माना.
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इससे इनकम में करीब 5 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी का हवाला देकर और टैक्स मांगा गया. मामले को कोल्ते पाटिल डेवलपर्स ने कमिश्नर के पास अपील किया. जहां आंशिक राहत मिली. मामला फिर इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल पुणे के पास पहुंचा. हालांकि फरवरी में आए बजट में सरकार ने बिल्डर्स के लिए अगर फ्लैट नहीं बिक पाते हैं तो काल्पनिक किराये की मियाद को बढ़ाकर एक साल की राहत दी है. ये मियाद मार्च में खत्म हो रही थी. लेकिन सरकार ने इसे बढ़ाकर मार्च 2020 तक कर दिया है.