How to File ITR Online: ITR फाइल करते वक्त इन 10 बातों को न करें नजरअंदाज, बचेगा आपका काफी पैसा
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How to File ITR Online: ITR फाइल करते वक्त इन 10 बातों को न करें नजरअंदाज, बचेगा आपका काफी पैसा

ITR 2022: फाइनेंशियल ईयर 2021-2022 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर भरने की लास्ट डेट 31 जुलाई 2022 है. ऐसे में आपके सिर्फ 2 दिन का समय बचा है. अगर आपने अभी तक आईटीआर नहीं भरा है और अब जल्दबाजी में इसे करने जा रहे हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ें. हम बता रहे हैं कुछ ट्रिक.

प्रतीकात्मक इमेज

How to File Income Tax Return Online: फाइनेंशियल ईयर 2021-2022 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर भरने की लास्ट डेट (31 जुलाई 2022) नजदीक है. हर कोई फटाफट इसे भरने में लगा है. वैसे तो अधिकतर लोग आईटीआर फाइल करते वक्त टैक्स बचाने पर फोकस करते हैं, लेकिन इतनी सावधानी के बाद भी कुछ ऐसी गलतियां हैं जिस पर उनका ध्यान नहीं जाता और वह टैक्स बचाने का मौका चूक जाते हैं. एस एस कोठारी मेहता एंड कंपनी (चार्टर्ड एकाउंटेंट्स) के टैक्स निदेशक रजत जैन बता रहे हैं कुछ ऐसी ही महत्वपूर्ण चीजों के बारे में जो आमतौर पर लोग मिस करते हैं.

AIS को न करें नजरअंदाज

रजत जैन कहते हैं कि आईटीआर फाइल करने के दौरान अब एक नया ऑप्शन जोड़ा गया है, जिसे वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) कहते हैं. यह एक ऐसा व्यापक विवरण पेज है, जहां सभी वित्तीय लेनदेन की जानकारी देनी होती है जो आपने की है. क्योंकि इसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आसानी से चेक कर सकता है, इसलिए बेहतर है कि खुद ही इसकी जानकारी भरें. उन्होंने बताया कि यह फॉर्म-26एएस से अलग है क्योंकि फॉर्म-26एएस मुख्य रूप से वित्तीय विवरण/लेनदेन का सारांश है जहां टीडीएस काटा गया होता है. हालाँकि, AIS अन्य लेनदेन को भी कवर करता है. इसलिए रिटर्न दाखिल करते समय एआईएस में पूछी गई जानकारी जरूर उपलब्ध कराएं. इस सेक्शन में हर जानकारी को ठीक से भरें, किसी तरह का मिसमैच आगे दिक्कत कर सकता है.

इन 10 पॉइंट पर न करें गलती

सीए रजत जैन बताते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते वक्त 10 छोटी-छोटी बातें जिन पर ध्यान देना जरूरी है, वो इस प्रकार हैं.

1. सेक्शन 80TTA और सेक्शन 80TTB

ऐसे लोग जो सीनियर सिटिजन कैटेगरी में नहीं आते हैं, वे सेक्शन 80TTA के तहत एक बैंक में बचत खाते पर ब्याज पर 10,000 रुपये तक के डिडक्शन का दावा कर सकता है. हालांकि, सावधि जमा पर ब्याज कर योग्य है. वहीं वरिष्ठ नागरिकों के लिए, 50,000 रुपये की बढ़ी हुई सीमा है और सावधि जमा पर ब्याज भी कटौती के उद्देश्य से कवर किया गया है।

2. सेक्शन 44एडीए/44एडी

धारा 44एडीए के तहत, एक विशिष्ठ प्रोफेशनल जिनकी अपने प्रोफेशन से आय 50 लाख रुपये तक है, वे कुल प्राप्तियों में कम से कम 50 प्रतिशत पर कर योग्य आय का दावा कर सकते हैं. वहीं, 2 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले करदाताओं के मामले में, जो सेक्शन 44एडीए में शामिल नहीं हैं, वे सेक्शन 44एडी के तहत आय घोषित कर सकते हैं, जिसमें कुल प्राप्तियों का कम से कम 8 प्रतिशत कर योग्य आय माना जा सकता है. बैंकिंग चैनलों के माध्यम से प्राप्त प्राप्तियों की संख्या के संबंध में, ऐसी प्राप्तियों की सीमा 6 प्रतिशत तक होती है. ऐसे में लोगों को इस पर भी ध्यान देना चाहिए.

3. सेक्शन 80सीसीडी(1बी)

इसके तहत एनपीएस में किसी भी शख्स के लिए 50,000 रुपये तक के योगदान पर अतिरिक्त कटौती की अनुमति है.

4. सेक्शन 80ई

सेक्शन 80ई के तहत, कुल आय की गणना करते समय किसी व्यक्ति द्वारा किसी वित्तीय संस्थान या अप्रूव्ड चेरिटेबल ट्रस्ट से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से लिए गए ऋण पर ब्याज के संबंध में डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है.

5. सेक्शन 10(10सीसी)

यदि कर्मचारी का इनकम टैक्स एंप्लॉयर की ओर से दिया जा रहा है तो स्टाफ टैक्स में कुछ बचत कर सकता है.

6. सेक्शन 80जीजी

सेक्शन 80GG के तहत, आवास के लिए भुगतान किए गए किराए के संबंध में, एक शख्स एक साल में मकान किराया भत्ता ('HRA') के रूप में एक साल में अधिकतम 60,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकता है. इसके लिए आपको फॉर्म-10BA में एक घोषणा प्रस्तुत करने की जरूरत होती है.

7. सेक्शन 80डी

अपने लिए और परिवार के लिए मेडिकल पॉलिसी और मेडिकल खर्च के लिए भी आपके पास कटौती का दावा करने का विकल्प होता है. इसके अलावा प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप (नकद में भुगतान की गई राशि सहित) के लिए भी दावा कर सकते हैं. हालांकि यह अपने लिए, पति या पत्नी और आश्रित बच्चों के लिए हो सकता है और इसकी राशि 5,000 रुपये तक है.

8. सेक्शन 80जी

रजिस्टर्ड चेरिटेबल संगठनों या गैर सरकारी संगठनों को किए गए दान के लिए भी आप कटौती का दावा कर सकते हैं. वित्त वर्ष 2021-22 से, धारा 80जी के तहत कटौती का दावा करने के लिए, फॉर्म 10बीई में एक सर्टिफिकेट लगाने की जरूरत होती है.

9. सेक्शन 10(32)

माता-पिता प्रत्येक नाबालिग बच्चे के लिए 1,500 रुपये की छूट का दावा कर सकते हैं, जिसकी आय सेक्शन 64(1ए) के तहत आती है.

10. सेक्शन 112ए

किसी कंपनी या किसी इक्विटी फंड की इकाई या किसी व्यावसायिक ट्रस्ट की इकाइयों में इक्विटी शेयरों के हस्तांतरण पर उत्पन्न होने वाले लॉन्गटर्म कैपिटल गेन पर 1,00,000 रुपये तक की छूट मिलती है. 1,00,000 रुपये से अधिक के लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से कर लगता है.

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