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नई दिल्ली: Income Tax Return Filing: कोरोना महामारी में देश के लाखों लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है, बीमारी के इलाज में अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी खर्च की है. इसी मुश्किल घड़ी को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने हाल ही में टैक्स डिडक्शन से जुड़े कुछ प्रावधान लागू किए हैं, जिसका फायदा ऐसे लोगों को मिलेगा.
कोरोना के इलाज में लोगों का लाखों रुपये का बिल बना, जैसे तैसे कर के लोगों ने अस्पतालों का बिल चुकाया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऐसे लोगों को ये सहूलियत दी है कि वो इन खर्चों पर टैक्स छूट पा सकते हैं. इनकम टैक्स के नए प्रावधानों के तहत कोरोनावायरस के इलाज में आए खर्चों पर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.
इसके अलावा, अगर किसी कर्मचारी की कोरोनावायरस से मृत्यु हो जाती है तो कंपनी की ओर से मृतक के परिवार को दी गई अनुग्रह राशि (ex-gratia payment) पर टैक्स नहीं लिया जाएगा. कोरोनावायरस का इलाज कराने के लिए कई लोगों ने दोस्तों और रिश्तेदारों से वित्तीय मदद भी ली है, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 10 लाख रुपये तक की ऐसी वित्तीय मदद को टैक्स छूट के दायरे से बाहर रखा है. इनकम टैक्स विभाग की ओर से उठाए गए इन नए कदमों से उन टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है जो कोरोनावायरस से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने जारी एक बयान में कहा है कि दुर्भाग्य से, कुछ करदाताओं ने कोविड -19 के कारण अपनी जान गंवाई है. ऐसे टैक्सपेयर्स के नियोक्ताओं और शुभचिंतकों ने उनके परिवार के सदस्यों को वित्तीय सहायता दी, ताकि वो अपने परिवार के कमाने वाला सदस्य के अचानक चले जाने की वजह से पैदा हुई परेशानियों का सामना कर सकें.
CBDT ने कहा कि ऐसे टैक्सपेयर के परिवार के सदस्यों को राहत देने के लिए, वित्त वर्ष 2019-20 और उसके बाद के वर्षों के दौरान कोविड -19 की वजह से नियोक्ता की ओर से परिवार के सदस्यों को मिली अनुग्रह राशि को इनकम टैक्स में छूट दी जाएगी. इनकम टैक्स विभा ने कहा कि कंपनी की ओर से किसी भी राशि पर टैक्स छूट दी जाएगी, इसकी कोई सीमा नहीं है. अगर ये राशि की दूसरे व्यक्ति की ओर से दी गई है तो इसके लिए 10 लाख रुपये की सीमा तय की गई है.
वित्तीय मदद में टैक्स छूट के अलावा, सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर 25,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. इस सेक्शन के तहत कोविड से संबंधित खर्चों को कवर करने के लिए खरीदी गई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी भी शामिल हैं. अगर किसी ने अपने माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीद रखा है, तो इसके लिए भी टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. अगर माता-पिता की उम्र 60 साल या इससे ज्यादा है तो इसपर 50,000 रुपये तक का टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन को 31 जुलाई 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया है.
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