भगोड़े विजय माल्या ने खुद को बताया `पोस्टर बॉय`, एमजे अकबर ने दिया ये करारा जवाब
विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर ने मंगलवार(26 जून) को कहा कि देश छोड़कर भाग चुके शराब व्यवसायी विजय माल्या यदि अपना बैंक कर्ज चुकाना चाहते थे, तो उनके पास ऐसा करने के लिए बहुत साल का समय था.
बेंगलुरु: विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर ने मंगलवार(26 जून) को कहा कि देश छोड़कर भाग चुके शराब व्यवसायी विजय माल्या यदि अपना बैंक कर्ज चुकाना चाहते थे, तो उनके पास ऐसा करने के लिए बहुत साल का समय था. यहां संवाददाताओं से बातचीत में अकबर ने कहा, ‘‘ यदि माल्या बैंकों को भुगतान करना चाहते थे, तो मेरे हिसाब से ऐसा करने के लिए उनके पास बहुत-बहुत साल थे. ’’ अकबर ने एक सवाल के जवाब में यह बात कही. उनसे पूछा गया था कि माल्या ने अपनी कर्ज देनदारियों को चुकाने का प्रयास किया था लेकिन वह हालात के शिकार बन गए.
उल्लेखनीय है कि माल्या बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये के ऋणचूक मामले में भारत में वांछित हैं. इस मामले पर आज अपनी दो साल की चुप्पी तोड़ते हुए माल्या ने कहा कि वह बैंक धोखाधड़ी मामलों के ‘पोस्टर बॉय’ बन गए हैं और इसे लेकर जनता के बीच गुस्सा है. वह ऐसे मामले में अपने बकाया को निपटाने के लिए कुछ नहीं कर सकते जो ‘राजनीति से प्रेरित और हस्तक्षेप करने वाला है.’ माल्या इन दिनों ब्रिटेन में प्रत्यपर्ण मामले की सुनवाई का सामना कर रहे हैं.
भगोड़े विजय माल्या ने तोड़ी चुप्पी
भारत सरकार की तरफ से भगोड़ा घोषित किए गए कारोबारी विजय माल्या ने लंबे समय बाद चुप्पी तोड़ी है. माल्या ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए अपना पक्ष रखा है. इसमें माल्या ने दावा किया कि उनकी तरफ से भारत में सरकारी बैंकों के कर्ज नहीं चुकाने को लेकर साल 2016 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर अपना पक्ष रखा था. लेकिन उसके लेटर पर पीएम मोदी और वित्त मंत्री में से किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
मेरा नाम आते ही लोगों का गुस्सा भड़क जाता है
विजय माल्या ने पत्र में यह भी कहा कि वह बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों की 'पहचान' बन गए हैं और उनका नाम आते ही मानों लोगों का गुस्सा भड़क जाता है. माल्या ने काफी समय बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए यह बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि वह दुर्भाग्य से जिस विवाद में घिरे हुए हैं उसकी ‘तथ्यात्मक स्थिति’ सामने रखना चाहते हैं. माल्या ने दावा किया कि संबंधित मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 5 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को पत्र लिखा था.
आधारहीन और झूठी कार्रवाई बताया
इसमें माल्या ने कहा है, ‘राजनेताओं व मीडिया ने मुझ पर इस तरह आरोप लगाए मानों किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज मैंने चुरा लिया और भाग गया. कुछ कर्जदाता बैंकों ने भी मुझे जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला करार दिया.’ माल्या ने इस मामले में सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से उनके खिलाफ दायर आरोप पत्रों को ‘सरकार व कर्जदाता बैंकों की ओर से आधारहीन और पूरी तरह झूठे आरोपों पर की गई कार्रवाई’ बताया है.
इनपुट भाषा से भी