Cow Dung Paint: लॉन्च हुआ वैदिक पेंट, किसान कमाएंगे 'गोबर से धन'
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Cow Dung Paint: लॉन्च हुआ वैदिक पेंट, किसान कमाएंगे 'गोबर से धन'

Cow Dung Paint: लॉन्च हुआ वैदिक पेंट, गाय के गोबर से बने इसके हैं आठ फायदेंखादी और ग्रामोद्योग आयोग ने गोबर से पर्यावरण अनुकूल ‘प्राकृतिक पेंट’ तैयार किया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को इस ‘वैदिक पेंट’ को लॉन्च किया है. यहां जाने इससे जुड़ी खास बातें...

फाइल फोटो

नई दिल्लीः खादी और ग्रामोद्योग विभाग द्वारा विकसित और गाय के गोबर (Cow Dung) से बना हुआ वैदिक पेंट लॉन्च कर दिया गया है. इस पेंट को केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी ने लॉन्च किया है. पेंट को लॉन्च करने का मकसद किसानों की आय बढ़ाने का है. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने भी इस पेंट को प्रमाणित किया है. इनका परीक्षण देश की तीन बड़ी प्रयोगशाला ‘नेशनल टेस्ट हाउस’ मुंबई और गाजियाबाद एवं श्री राम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च, नई दिल्ली में किया गया है.

गोबर से बने पेंट की ये हैं खूबियां

इस खादी प्राकृतिक पेंट में गाय के गोबर का इस्तेमाल हुआ है। मंत्रालय के बयान के अनुसार खादी प्राकृतिक पेंट की लागत भी कम हैं और यह गंधहीन है। इस पेंट को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा प्रमाणित किया गया है। बयान में कहा गया है कि यह खादी प्राकृतिक पेंट Distemper Paint  और  Emulsion Paint में उपलब्ध है. इस पेंट का उत्पादन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के दृष्टिकोण से किया गया है. इस योजना पर काम मार्च 2020 में किया गया था। इस पेंट को कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट, जयपुर में विकसित किया गया है.

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हानिकारक धातुओं का इस्तेमाल नहीं

इस पेंट में भारी धातुओं जैसे सीसा, पारा,  क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम का इस्तेमाल नहीं किया गया है. फिलहाल इसकी पैकिंग 2 लीटर से लेकर 30 लीटर तक तैयार की गई है. इस से विनिर्माण को बढ़ावा देने और तकनीक के ट्रांसफर के माध्यम से स्थानीय रोजगार बढ़ने की भी उम्मीद है.

ग्राहकों के लिए सस्ता, किसानों के लिए लाभदायक

वैदिक पेंट का मुख्य अवयव गोबर होने से यह आम पेंट के मुकाबले सस्ता पड़ेगा. इससे रंग-रोगन कराने पर ग्राहकों की जेब कम ढीली होगी. वहीं यह देश के किसानों की आय बढ़ाने वाला होगा. बयान के मुताबिक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के माध्यम से इसकी स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे गोबर की खपत बढ़ेगी जो किसानों की आय बढ़ाने में काम आएगी. सरकार के अनुमान के हिसाब से यह किसानों या गौशालाओं को प्रत्येक वर्ष प्रति पशु पर 30,000 रुपये की अतिरिक्त आय पैदा करके देगा.

गोबर से होगी 30,000 रुपये की कमाई  
खादी और ग्रामोद्योग आयोग का कहना है कि इस पेंट से स्थानीय निर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे. पेंट की इस तकनीक से गाय के गोबर का इस्तेमाल बढ़ेगा. यह गोशालों की आमदनी बढ़ाने में भी अहम भूमिका अदा करेगा. इस पेंट के निर्माण से किसान या गोशाला को एक पशु से हर साल तकरीबन 30,000 रुपये की आमदनी होगी.

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