महामारी में निराशा के बीच `आनंद` बनकर आए कुंवर गौरव, जम्मू के लोगों का दिया साथ
कोरोना महामारी के वक्त जब कई लोगों ने अपना रोजगार खो दिया, तब उनकी मदद के लिए बिजनेसमेन कुंवर गौरव आनंद सामने आए.
नई दिल्ली: ठीक उस समय जब पूरा देश एवं दुनिया भर में हर किसी का जीवन कोरोना के खौफ से सहमा हुआ था, जब सामान्य महामारी ने अपने भयावह रूप से हर वर्ग के व्यक्तियों को प्रभावित किया था और दुनिया के कई लोगों ने अपना कारोबार खो दिया था तब कुंवर गौरव आनंद राजौरी, जम्मू के नागरिकों के लिए आशा की किरण बन कर उभरे. गौरव आनंद ने उन लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए कई असाधारण संघों के साथ सहयोग किया है, जिन्होंने इस कोविड महामारी में सबसे ज्यादा सामना किया है.
ऑनलाइन गेम समेत कई ऑफिस के हैं मालिक
गौरव आनंद बिजनेसमेन, सामाजिक कार्यकर्ता, लक्जरी प्रभावक और जम्मू, दिल्ली और गुजरात में स्थित कई निजी कार्यालयों के मालिक हैं. 35 साल की कम उम्र में कुंवर गौरव आनंद जी ने पहली प्रतिबिंबित क्रिप्टो करेंसी बनाई जो जीआई -0 सिक्का के रूप में नामित हैं और वो जी-ओ लुडू नामक ऑनलाइन गेम की स्थापना भी हैं.
क्रिप्टोकरेंसी सेगमेंट में काफी लोकप्रिय हैं
क्रिप्टोकरेंसी के लिए उनकी जिज्ञासा ने उन्हें भारत की पहली क्रिप्टोकरेंसी-JI-0 सिक्का पेश करने का मौका दिया. इसके साथ ही इन्होने JI-0 लुडो एप्लिकेशन से भी भारत को अवगत कराया. गौरव आनंद आज क्रिप्टोकरेंसी सेगमेंट में सबसे लोकप्रिय नामों में से एक है. अपने व्यापार के अलावा के साथ ही वो हर संभव विधि के साथ इसका समर्थन करके समाज को विकसित करने के लिए भरकस प्रयास कर रहे हैं.
एक सामाजिक व्यक्ति होने के नाते, कुंवर गौरव आनंद जी को व्यक्तिगत मुद्दों को सुलझाने में अत्यधिक दिलचस्पी है जिसके चलते कुंवर गौरव आनंद जी ने देश के शीर्ष मंत्रियों, आईएएस और आईपीएस अधिकारियों और अन्य सरकारी निकाय के लोगों के साथ व्यक्तिगत मुद्दों के उद्देश्य का निरीक्षण करने के लिए 100 से अधिक सामाजिक अवसर का आयोजन किया. उनका कहना है कि वो लोगों के मुद्दों को अपने जीवन के मौलिक उद्देश्य के रूप में सुलझाने में विश्वास करते हैं. वो उन लोगों का समर्थन करने की इच्छा रखते हैं, जिन्होंने महामारी में अपना रोजगार खो दिया. लॉकडाउन के दौरान, ज्यादातर परिवारों ने आर्थिक और मानसिक रूप से संघर्ष किया है. इन परिवारों के साथ गौरव आनंद खड़े नजर आए.