धनतेरस पर सस्ता गोल्ड खरीदने का आखिरी मौका! सरकार की ये स्कीम आज हो रही बंद
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धनतेरस पर सस्ता गोल्ड खरीदने का आखिरी मौका! सरकार की ये स्कीम आज हो रही बंद

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक को फिजिकल रूप में सोना नहीं मिलता. यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है. इसमें निवेश करने वालों के गोल्‍ड बॉन्‍ड सर्टिफिकेट (Gold Bond Certificate) दिया जाता है. मैच्योरिटी पूरा होने के बाद जब निवेशक इसे भुनाने जाता है तो उसे उस वक्त के गोल्ड वैल्यू के बराबर पैसा मिलता है.

धनतेरस पर सस्ता गोल्ड खरीदने का आखिरी मौका! सरकार की ये स्कीम आज हो रही बंद

नई दिल्ली: धनतेरस (Dhanteras) के मौके अगर आप सोना (Gold) खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके पास आज अच्छा मौका है. सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 (Sovereign Gold Bond Scheme 2020-21) की आठवीं सीरीज का आज आखिरी दिन है, ये सीरीज 9 नवंबर को शुरू की गई थी. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत आपको सोना बाजार भाव से कम रेट पर मिल रहा है. 

आज खरीदो सस्ते में सोना 

आठवीं सीरीज में सीरीज में सरकार ने 1 ग्राम सोने की कीमत 5,177 रुपये तय की है, अगर आप ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन खरीदते हैं तो प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट भी मिलेगी. यानि 5127 रुपये प्रति ग्राम पर मिलेगा. इससे पहले गोल्ड बॉन्ड की 7वीं सीरीज में सोने की कीमत 5,051 प्रति ग्राम थी. सरकार की ओर से RBI सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है. इस स्कीम के तहत आप कम से कम 1 ग्राम सोना खरीद सकते हैं. सरकार ने फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करने के मकसद से नवंबर, 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत की थी. 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 93 परसेंट रिटर्न बंपर रिटर्न 

जिन निवेशकों ने नवंबर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के पहले इश्यू को सब्सक्राइब किया था, उन्हें बीते पांच सालों में करीब 93 परसेंट का रिटर्न मिल चुका है. ये बॉन्ड आठ साल में मैच्योर होते हैं, लेकिन निवेशक के पास पांच साल बाद बाहर निकलने का विकल्प होता है.  

कहां से खरीद सकते हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 

इस स्कीम के तहत एक वित्त वर्ष में कोई भी अधिकतम 4 किलो तक गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है. अगर आप सॉवरेज गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास PAN होना जरूरी है. इसे आप सभी कमर्शियल बैंक (RRB, छोटे फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक को छोड़कर), डाकघर, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) या सीधे एजेंट्स के जरिए आवेदन कर सकते हैं.

अगर आप SBI से गोल्ड बॉन्ड खरीदना चाहते हैं तो बैंक की वेबसाइट https://sbi.co.in/web/personal-banking/investments-deposits/govt-schemes/gold-banking/sovereign-gold-bond-scheme-sgb पर जाकर चेक कर सकते हैं. 

 

क्या होता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक को फिजिकल रूप में सोना नहीं मिलता. यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है. इसमें निवेश करने वालों के गोल्‍ड बॉन्‍ड सर्टिफिकेट (Gold Bond Certificate) दिया जाता है. मैच्योरिटी पूरा होने के बाद जब निवेशक इसे भुनाने जाता है तो उसे उस वक्त के गोल्ड वैल्यू के बराबर पैसा मिलता है. इसका रेट पिछले तीन दिनों के औसत क्‍लोजिंग प्राइस पर तय होता है. बॉन्‍ड की अवधि में पहले से तय दर से निवेशक को ब्‍याज का भुगतान किया जाता है. 

जहां तक शुद्धता की बात है तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता. इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा) वहीं इसका लोन के लिए  इसका उपयोग कर सकते हैं. अगर बात रिडेंप्शन की करें तो पांच साल के बाद कभी भी इसको भुना सकते हैं. 

एक फिक्स्ड ब्याज भी मिलता है 
 

एक वित्त वर्ष में आप 4 किलो तक गोल्ड खरीद सकते हैं. गोल्ड बॉन्ड में आपको सरकार सालाना 2.5 परसेंट का ब्याज भी देती है. यानी आपको सोने की बढ़ती कीमतों के अलावा ब्याज भी अलग से मिलता है.

 

मैच्योरिटी पीरियड क्या है 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक लंबे समय का निवेश है. इसका मैच्योरिटी पीरियड 8 साल का है. लेकिन आप 5वें साल से इसको भुना सकते हैं. जब आप इसको भुनाएंगे तब आपको क्या कीमत मिलेती ये उस वक्त मार्केट में गोल्ड के भाव पर निर्भर करेगा. 

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कितना निवेश कर सकते हैं

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की खास बात ये है कि आप इसमें सिर्फ 1  ग्राम सोना खरीदकर शुरुआत कर सकते हैं. एक वित्त वर्ष में आप 4 किलो तक गोल्ड खरीद सकते हैं. गोल्ड बॉन्ड में आपको सरकार सालाना 2.5 परसेंट का ब्याज भी देती है. यानी आपको सोने की बढ़ती कीमतों के अलावा ब्याज भी अलग से मिलता है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड टैक्स फ्री

जब आप फिजिकल गोल्ड खरीदने जाते हैं तो कुल कीमत पर GST चुकाना होता है, लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में GST नहीं देना होता. साथ ही मैच्योरिटी के वक्त कोई भी कैपिटल गेंस बिल्कुल टैक्स फ्री होता है. ये छूट सिर्फ गोल्ड बॉन्ड्स में ही मिलती है. एक बात ध्यान रखें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है.

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