शेयर बाजार में न‍िवेश करने वालों की तरफ से आईपीओ (IPO) को जबरदस्‍त र‍िस्‍पांस म‍िल रहा है. शुक्रवार को बंद हुए तीन बड़े आईपीओ की 2.2 लाख करोड़ की र‍िकॉर्ड ड‍िमांड से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. व‍िशाल मेगा मार्ट, साई लाइफ साइंसेज और वन मोब‍िक्‍व‍िक के आईपीओ को न‍िवेशकों की तरफ से जबरदस्‍त र‍िस्‍पांस म‍िला है. इसमें सबसे ज्‍यादा वन मोब‍िक्‍व‍िक के आईपीओ को 119 गुना सब्‍सक्राइब क‍िया गया है. अब एलआईसी म्यूचुअल फंड (LIC MF) अपनी प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति (AUM) के एक लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने के बाद आईपीओ (IPO) लाने का प्‍लान कर रही है.


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एलआईसी एमएफ का एयूएम करीब 38000 करोड़


एक अधिकारी ने एलआईसी म्यूचुअल फंड से जुड़ी जानकारी दी. कंपनी ने एक लाख करोड़ रुपये का एयूएम वित्त वर्ष 2025-26 तक होने का टारगेट रखा है. फिलहाल एलआईसी एमएफ (LIC MF) का एयूएम करीब 38,000 करोड़ रुपये है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 16,526 करोड़ रुपये था. एलआईसी म्यूचुअल फंड (MF) एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) आरके झा ने बताया, 'हमने वित्त वर्ष 2023-24 में 67 प्रतिशत की वृद्धि की है और हमारी मौजूदा वृद्धि दर 30 प्रतिशत है.'


खुदरा भागीदारी का रुझान इक्‍व‍िटी की ओर
उन्होंने कहा कि सभी कोषों में मौजूदा इक्‍व‍िटी योगदान 47 प्रतिशत है, जबकि बाकी 53 प्रतिशत हिस्सा बॉन्ड का है. झा ने कहा कि संस्थागत और कॉरपोरेट निवेशकों ने अपना पैसा ज्यादातर बॉन्ड में लगाया है, जबकि खुदरा भागीदारी का रुझान इक्‍व‍िटी की ओर है. उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि जब हम एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएं तो खुदरा या इक्‍व‍िटी भारांश 65-70 प्रतिशत तक बढ़ जाए.'


झा ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एलआईसी एमएफ ने कई पहल की हैं. इनमें जीवन बीमा निगम (LIC) के विशाल नेटवर्क का यूज करके अपने कार्यालयों का विस्तार करना, अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर ड‍िस्‍ट्रीब्‍यूशन चैनल स्थापित करना और तकनीकी समाधान लागू करना शामिल है. इसके अलावा, एलआईसी एमएफ ने खुदरा निवेशकों की व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए न्यूनतम व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) राशि को कम कर दिया है. (इनपुट भाषा)