शेयर बाजारों की सूचीबद्धता पर विचार : जयंत सिन्हा
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शेयर बाजारों की सूचीबद्धता पर विचार : जयंत सिन्हा

केंद्र सरकार ने आज इस बात को स्वीकार किया कि शेयर बाजारों की सूचीबद्धता के रास्ते में कुछ नियामकीय मुद्दे हैं। वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने एक कार्यक्रम के मौके पर यह जानकारी देते हुए कहा कि शेयर बाजारों की सूचीबद्धता पर विचार चल रहा है।

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज इस बात को स्वीकार किया कि शेयर बाजारों की सूचीबद्धता के रास्ते में कुछ नियामकीय मुद्दे हैं। वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने एक कार्यक्रम के मौके पर यह जानकारी देते हुए कहा कि शेयर बाजारों की सूचीबद्धता पर विचार चल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘शेयर बाजारों की सूचीबद्धता पर विचार हो रहा है। कुछ नियामकीय मुद्दे हैं।’ भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने तीन साल से अधिक पहले शेयर बाजारों की सूचीबद्धता के लिए नए नियमों को अधिसूचित किया था। अप्रैल, 2012 में नियामक ने कहा था कि एक्सचेंजों की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक की जा सकती है। हालांकि, बिमल जालान समिति ने अपनी सिफारिशों में शेयर बाजारों की सूचीबद्धता का पक्ष नहीं लिया था।

सेबी ने कहा था, ‘शेयर बाजारों में विभिन्न इकाइयों का स्वामित्व रहेगा। स्टाक एक्सचेंज, डिपाजिटरी, बीमा कंपनी, बैंकिंग कंपनी या सार्वजनिक वित्तीय संस्थान के अलावा किसी को भी एक्सचेंज की पांच प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने की अनुमति नहीं होगी।’ एक्सचेंजों की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक रूप से रखी जाएगी।

हालांकि, इसके साथ कुछ शर्तें भी थीं। एक्सचेंजों को हितों के टकराव को रोकने के लिए उचित तंत्र स्थापित करने के बाद ही सूचीबद्धता की अनुमति होगी। कोई एक्सचेंज अपने ही प्लेटफार्म पर सूचीबद्ध नहीं हो सकेगा।

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