यह फैसला बैंक के टॉप अधिकारियों ने मिलकर किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रिजर्व बैंक के बोर्ड ऑफ फाइनेंशियल सुपरविजन (Board of Financial Supervision) में यह फैसला किया गया है.
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बैंक के टॉप मैनेजमेंट ने सैद्धांतिक तौर पर नए लाइसेंस नहीं दिए जाने का फैसला किया है. उम्मीद की जा रही है कि अगले 2-3 सालों तक नए बैंकों को लाइसेंस जारी नहीं करने पर सहमति बनी है. फाइनेंशियल सुपरविजन बोर्ड ने बैंकों की वर्तमान हालत को देखते हुए यह फैसला लिया है. नए लाइसेंस प्राप्त बैंकों की हालत देखने के बाद RBI इस दिशा में सोचने के लिए मजबूर हो गया. बता दें, जब रघुराम राजन रिजर्व बैंक के गवर्नर थे, तब उन्होंने 'ऑन टैप' का नियम लाया था. इसके तहत कभी भी बैंकों को लाइसेंस जारी करने की नीति अपनाई गई.