Punjab National Bank: भारतीय बैंकों ने पिछले एक साल के दौरान कर्ज माफी में कटौती की है. केंद्र सरकार ने बताया है कि वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में भारतीय बैंकों ने 1.7 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) में माफ किए गए 2.08 लाख करोड़ रुपये की तुलना में कम है. यह जानकारी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी.


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केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में बैंकों द्वारा कर्ज की माफी पिछले पांच वर्षों में सबसे कम रही है. वित्त वर्ष 2019-20 (FY20) में बैंकों ने 2.34 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए थे, वहीं, FY21 में यह आंकड़ा 2.03 लाख करोड़ रुपये था. जबकि FY22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए गए थे.


पंजाब नेशनल बैंक ने किए सबसे ज्यादा माफ


सरकार ने बताया है कि FY24 में पंजाब नेशनल बैंक ने सबसे अधिक 18,317 करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए. इसके बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (18,264 करोड़ रुपये) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (16,161 करोड़ रुपये) ने कर्ज माफ किए. निजी क्षेत्र के बैंकों में HDFC बैंक ने 11,030 करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए; आईसीआईसीआई बैंक ने 6,198 करोड़ रुपये और एक्सिस बैंक ने 8,346 करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए.


कर्ज माफी को लेकर क्या है RBI का नियम


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों और बैंक बोर्ड द्वारा स्वीकृत नीतियों के अनुसार, बैंक पूरी तरह से नियमों के अधीन नन-परफॉर्मिंग एसेट्स के बारे में जानकारियां देते हैं. यानी इस प्रकार की माफी का अर्थ यह नहीं होता कि लोन लेने वालों का कर्ज माफ हो जाती हैं.


पंकज चौधरी ने आगे कहा कि ऐसी माफी से लोन लेने वालों को देनदारियों में छूट नहीं मिलती है और इसलिए माफी से लोने लेने वालों को कोई लाभ नहीं मिलता है. लोन लेने वाले पेमेंट के लिए जिम्मेदार बने रहते हैं और बैंक इन खातों में आरंभ की गई वसूली कार्रवाइयों को जारी रखते हैं.