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नई दिल्ली : विनिर्माण क्षेत्र में नरमी के लिए पूंजी की ऊंची लागत को जिम्मेदार ठहराते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को प्रवेश बाधा कम करने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक कराधान प्रणाली पर जोर दिया ताकि निवेश आकर्षित किया जा सके और वृद्धि को प्रोत्साहन मिले। विनिर्माण क्षेत्र चुनौती बना हुआ है और पिछले दो साल आर्थिक नरमी का दौर था, यह साल थोड़ा बेहतर हो सकता है। विनिर्माण क्षेत्र में प्रवेश की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए, प्रवेश बाधाएं कम करनी होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले साल की वृद्धि दर थोड़ी और बेहतर होगी, हमें विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए चीजें बेहतर करनी होंगी। जेटली ने कहा कि हमें अपनी व्यवस्था दुरस्त करनी होगी ताकि वृद्धि को प्रोत्साहित किया जा सके क्योंकि विनिर्माण क्षेत्र अपनी क्षमता के अनुरुप वृद्धि दर्ज नहीं कर रहा है और इस प्रमुख क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए परिवर्तनकारी पहल करने की जरूरत पड़ सकती है, हालांकि इसका नतीजा रातों-रात नहीं दिखेगा।
मेक इन इंडिया पर आयोजित दिन भर की कार्यशाला में उन्होंने हालांकि कहा कि कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले दो साल की नरमी के बाद थोड़ा सुधार हो सकता है। साथ ही अगला साल और भी बेहतर होगा। विनिर्माण क्षेत्र में प्रवेश की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए, प्रवेश बाधाएं कम करनी होगी। पिछले कुछ महीनों और सालों में विनिर्माण में नरमी के लिए एकमात्र वजह रही है पूंजी की लागत बढ़ना।