मोदी कैबिनेट ने भारतीय खाद्य निगम की पूंजी बढ़ाकर 10 हजार करोड़ की, यह होगा फायदा
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मोदी कैबिनेट ने भारतीय खाद्य निगम की पूंजी बढ़ाकर 10 हजार करोड़ की, यह होगा फायदा

फसीआई संचालन के लिए अनाज भंडारण की निरंतर देखरेख जरूरी होती है, जिसकी आर्थिक जरूरतें केंद्र द्वारा इक्विटी या दीर्घकालिक ऋण के माध्यम से पूरी की जाती हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली : आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने बुधवार को भारतीय खाद्य निगम (FCI) की आधिकारिक पूंजी को बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. एफसीआई की वर्तमान आधिकारिक पूंजी 3,500 करोड़ रुपये है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "सीसीईए ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की आधिकारिक पूंजी को वर्तमान के 3,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी."

बयान के अनुसार, "आधिकारिक पूंजी बढ़ते ही अतिरिक्त इक्विटी पूंजी केंद्रीय बजट के माध्यम से एफसीआई में शामिल की जा सकती है, जिससे एफसीआई अनाज भंडार को निरंतर रूप से कोष जारी कर सके."

एफसीआई संचालन के लिए अनाज भंडारण की निरंतर देखरेख जरूरी होती है, जिसकी आर्थिक जरूरतें केंद्र द्वारा इक्विटी या दीर्घकालिक ऋण के माध्यम से पूरी की जाती हैं.

बयान के अनुसार, सरकार एफसीआई को भंडारों की देखरेख के लिए इक्विटी दे रही है. एफसीआई की वर्तमान आधिकारिक इक्विटी पूंजी 3,500 करोड़ रुपये है और 31 मार्च, 2019 को 3,447.58 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

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