GST रिटर्न देर से भरने वालों को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत
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GST रिटर्न देर से भरने वालों को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत

कंपनियों की मांग रही है कि सरकार 3बी रिटर्न भरने में देरी को लेकर लगने वाले जुर्माने को समाप्त करे. आंकड़ों के अनुसार जुलाई के लिए 55.87 जीएसटीआर-3बी भरे गए. वहीं अगस्त और सितंबर के लिये क्रमश: 51.37 लाख और 42 लाख रिटर्न दाखिल किये गये.

GST रिटर्न देर से भरने वालों को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत

नई दिल्ली : सरकार अगस्त और सितंबर महीने के लिए शुरुआती जीएसटी रिटर्न भरने में देरी को लेकर कंपनियों से जुर्माना नहीं वसूलेगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीटर पर लिखा है, 'करदाताओं को सुविधा देते हुए जीएसटीआर-3बी भरने के लिए विलंब शुल्क को समाप्त कर दिया गया है.' उन्होंने कहा कि कंपनियों से जो विलंब शुल्क (लेट फी) पहले ही लिया गया है, उसे उनके खातों में वापस कर दिया जाएगा. इससे पहले, सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत जुलाई महीने के रिटर्न फाइल करने में देरी को लेकर लगने वाले शुल्क को समाप्त कर दिया था.

  1. जुलाई के लिए 55.87 जीएसटीआर-3बी भरे गए
  2. अगस्त महीने में 28.46 लाख रिटर्न भरे गए
  3. जीएसटी के मामले में 100 रुपए प्रतिदिन का जुर्माना

कंपनियों की मांग रही है कि सरकार 3बी रिटर्न भरने में देरी को लेकर लगने वाले जुर्माने को समाप्त करे. आंकड़ों के अनुसार जुलाई के लिए 55.87 जीएसटीआर-3बी भरे गए. वहीं अगस्त और सितंबर के लिये क्रमश: 51.37 लाख और 42 लाख रिटर्न दाखिल किये गये. उचित कर के भुगतान के बाद संबंधित महीने के लिए शुरुआती रिटर्न जीएसटीआर -3बी अगले महीने की 20 तारीख तक भरा जाना है.

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जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार भारी संख्या में कंपनियों ने निश्चित तारीख खत्म होने के बाद रिटर्न भरे. जुलाई महीने के लिए केवल 33.98 लाख रिटर्न भरे गए, वहीं बाद में यह संख्या बढ़कर 55.87 लाख तक पहुंच गई. इसी प्रकार, अगस्त महीने में 28.46 लाख रिटर्न अंतिम तारीख तक भरे गये लेकिन बाद में यह आंकड़ा 51.37 लाख पहुंच गया.

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सितंबर महीने में यही स्थिति रही. अंतिम तारीख तक 39.4 लाख रिटर्न फाइल किए गए जबकि 23 अक्टूबर तक संख्या बढ़कर 42 लाख पहुंच गई. जीएसटी कानून के तहत रिटर्न फाइल करने और कर भुगतान में देरी के लिए केंद्रीय जीएसटी के मामले में 100 रुपए प्रतिदिन और राज्य जीएसटी के मामले में भी उतनी ही राशि बतौर जुर्माना लगाये जाने का प्रावधान है.

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