नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की महंगाई में आम आदमी की जेब का बोझ बढ़ता जा रहा है. ऐसे में सरकार एक नई प्लानिंग पर काम कर रही है. अगर सबकुछ ठीक रहता है तो आपको पेट्रोल-डीजल की महंगाई से राहत मिल सकती है. दरअसल, मोदी सरकार आपकी कार को भी इलेक्ट्रिक व्हीकल में कन्वर्ट करने की प्लानिंग कर रही है. रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की एक नोटिफिकेशन में मोटर व्हीकल एक्ट 1989 में संशोधन का जिक्र किया गया है. इसके तहत मौजूदा वाहनों में हाइब्रिड टेक्नोलॉजी या फिर इलेक्ट्रिक सिस्टम के रेट्रो फिटमेंट को मंजूरी दी जा सकेगी.


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सरकार ने यह कदम वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया है. बता दें, पेट्रोल और डीजल वाहनों में हाइब्रिड सिस्टम लगाने के बाद कार चलाने का खर्च 50 फीसदी से भी कम हो सकता है. हालांकि, अभी इस नोटिफिकेशन को पास किया जाना बाकी है.


तीन कैटेगरी में होगा रेट्रो फिटमेंट
नोटिफिकेशन के मुताबिक, रेट्रो फिटमेंट को तीन कैटेगिरी में बांटा जाएगा और AIS-123 स्टैंडर्ड की जरूरतों को पूरा करना होगा.
> पहली कैटेगरी में पैसेंजर व्हीकल, स्मॉल गुड्स करियर और 3500kg से कम वाले वाहनों में हाइब्रिड सिस्टम लगाए जा सकते हैं.
दूसरी कैटेगिरी में 3500 kg से ज्यादा वजन वाले वाहनों में हाइब्रिड सिस्टम लगाया जा सकता है.
तीसरी कैटेगरी में वाहनों को इलेक्ट्रिक ऑपरेशंस में बदलना है. इसमें मौजूदा इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन से रिप्लेस किया जाएगा.


कौन करेगा रिप्लेस?
गाड़ियों में मौजूदा इंटरनल कम्बशन इंजन को हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक इंजन से रिप्लेस करने का काम ऑथराइज्ड वर्कशॉप्स में होगा. इसके लिए इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड किट मैन्युफैक्चरर्स या सप्लायर्स को सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त टेस्टिंग एजेंसी सर्टिफिकेट लेना होगा. 



क्या है रेट्रो फिटमेंट?
प्रदूषण रोकने, BS VI मानकों वाले इंजन और इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ शिफ्ट होती इंडस्ट्री के चलते अभी से कुछ टेक्नोलॉजी कंपनियों ने हाइब्रिड मोटर्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. पेट्रोल-डीजल इंजन कारों में इलेक्ट्रिक मोटर्स फिट किए जा रहे हैं. साथ ही कार में एक बैटरी भी फिट की जाती है. इसे ही रेट्रो फिटमेंट कहते हैं. रेट्रो फिटिंग के बाद आपकी कार पेट्रोल-डीजल इंजन के बदले इलेक्ट्रिक पावरट्रेन से चल सकेगी.


कैसे करती है ये काम?
KPIT टेक्नोलॉजी ने रेवोलो नाम का एक प्रोडक्ट तैयार किया है. रेवोलो एक स्मार्ट टेक्नोलॉजी है. इसमें एक इलेक्ट्रिक मोटर लगी है. कार में इसे फिट करने के लिए इंजन फैन बेल्ट से कनेक्ट किया जाता है. इसके बाद इसे लिथियम आयन बैटरी से जोड़ा जाता है, जिससे इसे आसानी से चार्ज किया जा सके. इलेक्ट्रिक मोटर पेट्रोल या डीजल इंजन के क्रैंकशाफ्ट में पावर जनरेट करता है, जिससे फ्यूल एफिशियंसी 35 फीसदी तक बढ़ जाती है. एमिशन में 30 फीसद की कमी आती है. 


60 फीसदी तक कम होती है खर्च
रेवोलो की तरह ही दूसरी कंपनियां भी इलेक्ट्रिक किट दे रही हैं. इसमें सबसे अधिक हाइब्रिड रेट्रोफिटिंग किट मौजूद है. हाइब्रिड रेट्रोफिटिंग से कार चलाने का खर्च 60 फीसदी तक कम हो सकता है. इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडिया कंपनी भी इस तरह की किट उपलब्ध कराती है. इस किट में मोटर, मोटर कंट्रोलर, चार्जर और बैट्री मैनेजमेंट सिस्टम होता है. 



7 घंटे में चार्ज होती है किट
मोटर व्हीकल्स में हॉर्स पावर के दम पर कई किट्स का इस्तेमाल होता है. इनकी रेंज 800cc से 2500cc तक होती है. हर रेंज के मुताबिक इन्हें फिट किया जाता है. फिटिंग के बाद इन्हें बैटरी से जोड़कर चार्ज किया जाता है. इसे पूरा चार्ज करने के लिए करीब 7 घंटे का वक्त चाहिए. पूरा चार्ज होने पर इसकी रफ्तार 100 से 120 किमी तक हो सकती है.


कितनी है कीमत
हाइब्रिड रेट्रोफिटिंग या इलेक्ट्रिक इंजन किट की कीमत हर कार के हिसाब से अलग है. अगर हैचबैक कारों की बात करें तो इसमें तकरीबन 80 हजार रुपए तक हो सकती है. वहीं, डीजल इंजन और सिडान कारों में इसकी कीमत 1 लाख रुपए तक पहुंच सकती है. वहीं, एसयूवी के लिए इसकी कीमत और ऊपर भी हो सकती है.