बदल सकती है वित्त वर्ष की परंपरा, अब जनवरी से दिसंबर के बीच होगा नया फाइनेंशियल ईयर
प्रधानमंत्री इसके पक्ष में हैं कि वित्त वर्ष को बदल दिया जाए.
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नई दिल्ली: वर्तमान सरकार वित्त वर्ष के फार्मेट को पूरी तरह बदल सकती है. अगर ऐसा हुआ तो वित्त वर्ष काउंट करने की तारीख ही बदल जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, बदलाव के बाद वित्त वर्ष की शुरुआत जनवरी महीने से होगी और खत्म दिसंबर महीने में होगी. यानी, वित्त वर्ष कैलेंडर ईयर के मुताबिक हो जाएगा. वर्तमान में इसकी शुरुआत अप्रैल महीने से होती है और खत्म मार्च महीने में होती है.
भारत के इतिहास में पिछले 152 वर्षों से वित्त वर्ष अप्रैल-मार्च चलता आ रहा है. आपको बता दें, साल 2016 में भी वित्त वर्ष को जनवरी से शुरू करने की चर्चा शुरू हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बदलाव की वकालत की थी. अगर ऐसा होता है तो यह एक ऐतिहासिक बदलाव होगा. इससे पहले सरकार बजट को फरवरी में पेश करने की पुरानी परंपरा को बदल चुकी है. पिछले साल आम बजट 1 फरवरी को पेश किया गया था. वहीं, इस साल भी अंतरिम बजट 1 फरवरी को ही पेश होना है. ऐसे में वित्त वर्ष को बदलने का भी ऐलान जल्द हो सकता है.
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इस फील्ड से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर वित्त वर्ष में बदलाव किया जाता है तो आम जिंदगी पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं होगा. हालांकि टैक्स प्लानिंग के लिहाज यह अहम बदलाव होगा. बता दें, खुद पीएम मोदी ने जब ये बात कही थी तो उनका तर्क था कि समय के खराब प्रबंधन की वजह से कई योजनाएं उतनी प्रभावी नहीं हो पाती हैं, जितनी होनी चाहिए. बता दें, अंतरिम बजट को लेकर हलवा सेरेमनी हो चुका है. बजट के दस्तावेजों का प्रिंटिंग चल रहा है. 25 जनवरी को वित्तमंत्री अरुण जेटली भी अमेरिका से वापस दिल्ली लौट आएंगे और वे ही बजट पेश करेंगे, ऐसी संभावना है.
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भारत में वित्त वर्ष एक अप्रैल से 31 मार्च तक होता है. ये व्यवस्था को 1867 में शुरू की गई थी और इससे भारतीय वित्त वर्ष का ब्रिटिश सरकार के वित्त वर्ष से तालमेल बैठाया गया था. इससे पहले तक भारत में वित्त वर्ष 1 मई को शुरू होकर 30 अप्रैल तक रहता था.