रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, आपके लोन की EMI नहीं बढ़ेगी
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रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, आपके लोन की EMI नहीं बढ़ेगी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने (RBI) रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत की दर पर बरकरार रखा है.

रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, आपके लोन की EMI नहीं बढ़ेगी

नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने (RBI) रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत की दर पर बरकरार रखा है. इसके अलावा CRR को भी मौद्रिक नीति में 4 फीसदी पर स्थिर रखा गया है. आपको बता दें कि MPC के 6 सदस्यों में 5 ने ब्याज दर नहीं बढ़ाने के पक्ष में वोट किया. रेपो रेट में बदलाव नहीं होने से आपके होम लोन और कार लोन की ईएमआई पहले जैसी ही रहेगी. आपको बता दें आरबीआई अन्य वाणिज्यिक बैंकों को जिस दर पर ऋण देता है उसे रेपो रेट कहते हैं.

GDP ग्रोथ अनुमान स्थिर रखा
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा. वित्त वर्ष 2019-20 में वृद्धि 7.6 प्रतिशत पर पहुंच सकती है. रिजर्व बैंक ने क्रेडिट पॉलिसी में SLR में कटौती की है. SLR 0.25 फीसदी घटाया गया है. मौजूदा SLR 19.25 प्रतिशत से घटाकर 18 फीसदी किया जाएगा, हर तिमाही में चौथाई फीसदी की कटौती के साथ 18 प्रतिशत लाने का लक्ष्य है. इसके अलावा आरबीआई ने अगले 6 महीने के लिए महंगाई दर का लक्ष्य घटा दिया है. दूसरी छमाही के लिए महंगाई का लक्ष्य घटा दिया है.

तीन दिसंबर से हो रही एमपीसी की बैठक
रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की छह सदस्यीय समिति की बैठक तीन दिसंबर से हो रही है. यह चालू वित्त वर्ष की पांचवीं द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक है. पिछली मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हुआ और 70 के महत्वपूर्ण स्तर से नीचे आ गया है. वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के भाव भी नरम हुए और 86 डॉलर प्रति बैरल से नीचे 60 डॉलर प्रति बैरल पर आ गये हैं.

हालांकि, आर्थिक वृद्धि दर सितंबर तिमाही में नरम होकर 7.1 प्रतिशत रही. इससे पूर्व पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में यह दो साल के उच्च स्तर 8.2 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी. फल, सब्जी और अंडा, मछली जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति भी अक्तूबर महीने में 3.31 प्रतिशत रही जो एक महीने का न्यूनतम स्तर है.

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