मुकेश अंबानी की लंबी लगाई छलांग... इस कंपनी में एक ही झटके में खरीदी 74% ह‍िस्‍सेदारी
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मुकेश अंबानी की लंबी लगाई छलांग... इस कंपनी में एक ही झटके में खरीदी 74% ह‍िस्‍सेदारी

Mukesh Ambani NMIIA Deal: र‍िलायंस इंडस्‍ट्रीज (RIL) की तरफ से स्‍टॉक एक्‍सचेंज को दी गई जानकारी में बताया गया क‍ि NMIIA के 57.12 करोड़ इक्‍व‍िटी शेयर का टेकओवर 28.50 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर किया गया.

मुकेश अंबानी की लंबी लगाई छलांग... इस कंपनी में एक ही झटके में खरीदी 74% ह‍िस्‍सेदारी

Reliance Industries Share Price: मुकेश अंबानी की कंपनी र‍िलायंस इंडस्‍ट्रीज (RIL) लगातार नए अध‍िग्रहण कर रही है. अब आरआईएल (RIL) ने नवी मुंबई IIA प्राइवेट लिमिटेड (NMIIA) में 74% इक्‍व‍िटी शेयर का अधिग्रहण करने का ऐलान क‍िया है. इसकी कीमत 1,628.03 करोड़ रुपये है. 11 दिसंबर, 2024 को RIL के निदेशक मंडल की तरफ से अप्रूव की गई डील 12 दिसंबर, 2024 को महाराष्ट्र लिमिटेड (CIDCO) के शहर और इंडस्‍ट्र‍ियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (Industrial Development Corporation) की तरफ से पहले अधिकार के अपने अधिकारों को माफ करने के बाद पूरा किया गया.

57.12 करोड़ इक्‍व‍िटी शेयर को ल‍िया

र‍िलायंस इंडस्‍ट्रीज (RIL) की तरफ से स्‍टॉक एक्‍सचेंज को दी गई जानकारी में बताया गया क‍ि NMIIA के 57.12 करोड़ इक्‍व‍िटी शेयर का टेकओवर 28.50 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर किया, जैसा कि कंपनी ने एक्सचेंज पर एक विज्ञप्ति में कहा है. CIDCO NMIIA में बाकी 26% इक्‍व‍िटी शेयर बरकरार रखता है, जो अब रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्‍स‍िड‍ियरी कंपनी बन गई है. NMIIA की शुरुआज 15 जून, 2004 को हुई थी और यह महाराष्ट्र में एकीकृत औद्योगिक क्षेत्रों (IIA) के विकास में लगी हुई है.

स्‍पेशल प्‍लान‍िंग अथॉर‍िटी नियुक्त की गई
महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन अधिनियम, 1966 की धारा 40 (1 बी) के तहत IIA के विकास के लिए स्‍पेशल प्‍लान‍िंग अथॉर‍िटी नियुक्त की गई है. कंपनी ने फाइनेंश‍ियल ईयर 2023-24 में 34.89 करोड़, फाइनेंश‍ियल ईयर 2022-23 में 32.89 करोड़ और फाइनेंश‍ियल ईयर 2021-22 में 34.74 करोड़ रुपये का ब‍िजनेस दर्ज किया. निवेश को संबंधित-पक्ष लेनदेन के रूप में कैटेगराइज नहीं किया गया है.

RIL ने कहा. किसी भी प्रमोटर, प्रमोटर ग्रुप या ग्रुप कंपनी का लेनदेन में कोई संबंध नहीं है. इसके अलावा, सीआईडीसी की तरफ से दी गई सहमति के अलावा अधिग्रहण के लिए किसी अन्य सरकारी या नियामक अनुमोदन की जरूरत नहीं थी. 

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