प्याज की कीमतों में आएगी कमी!,10000 टन आयात के लिए नई टेंडर जारी
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प्याज की कीमतों में आएगी कमी!,10000 टन आयात के लिए नई टेंडर जारी

प्रमुख सहकारिता संस्था नाफेड ने पाकिस्तान, चीन और मिस्र जैसे देशों से 10,000 टन प्याज के आयात करने के लिए बोली फिर से आमंत्रित की है। इससे पूर्व जारी की गई निविदा में वह कोई आपूर्तिकर्ता देश को आकर्षित करने में विफल रही थी। मांग और आपूर्ति में अंतर के कारण प्याज की कीमतों में तेजी है। उदाहरण के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की खुदरा कीमत बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो हो गई है। देश के अन्य भागों में यही समान स्थिति है।

 प्याज की कीमतों में आएगी कमी!,10000 टन आयात के लिए नई टेंडर जारी

नयी दिल्ली : प्रमुख सहकारिता संस्था नाफेड ने पाकिस्तान, चीन और मिस्र जैसे देशों से 10,000 टन प्याज के आयात करने के लिए बोली फिर से आमंत्रित की है। इससे पूर्व जारी की गई निविदा में वह कोई आपूर्तिकर्ता देश को आकर्षित करने में विफल रही थी। मांग और आपूर्ति में अंतर के कारण प्याज की कीमतों में तेजी है। उदाहरण के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की खुदरा कीमत बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो हो गई है। देश के अन्य भागों में यही समान स्थिति है।

कृषि सचिव सिराज हुसैन ने बताया, पहले की निविदा को लेकर कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई थी। इसलिए नाफेड ने 10,000 टन प्याज के आयात के लिए नई निविदा को जारी किया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में दिल्ली और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी तौर पर आपूर्ति बढ़ाने के उपाय किये गये हैं। इसके लिए लघु कृषक कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम (एसएफएसी) और नाफेड जैसी एजेसियों की मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा कि आयातित प्याज की उपलब्धता से आपूर्ति में और सुधार होगा और कीमतों की तेजी पर अंकुश लगेगी।

निविदा के अनुसार नाफेड ने पाकिस्तान, चीन और मिस्र तथा अन्य किसी देश से 10,000 टन प्याज के आयात करने के लिए बोली आमंत्रित की है जो देश भारतीय आयात के नियमों का अनुपालन करते हों। निविदा जमा कराने की अंतिम तिथि 27 अगस्त है और उसी दिख इन्हें खोला जाएगा।

सुनिश्चित खरीद का आर्डर जारी होने के 30 दिन के भीतर प्याज की आपूर्ति करनी हागी। आपूर्ति 500-500 टन की इकाईयों में करनी होगी। सीमा शुल्क विभाग की मंजूरी के बाद माल को मुंबई एवं अन्य प्रमुख शहरों तथा राज्यों की राजधानियों में नाफेड के विनिर्दिष्ट भंडारगृहों में पहुंचाना होगा। प्याज के उत्पादन में गिरावट तथा जुलाई सितंबर की अवधि में प्याज का मौसम नहीं होने के समय के दौरान इसकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भंडार में रखी गयी प्याज की सुस्त आपूर्ति के कारण इसकी कीमतों में तेजी है।

प्याज का कुल उत्पादन फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) के दौरान 189 लाख टन रहने की उम्मीद है जो इस पिछले वर्ष की दौरान के 194 लाख टन के उत्पादन से मामूली कम है। देश में महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश तीन शीर्ष प्याज उत्पादक राज्य हैं।

 

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