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नई दिल्ली: नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) ने आईडीबीआई बैंक द्वारा कर्ज में डूबी जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ दायर ऋण शोधन याचिका स्वीकार कर ली है. जेपी इंफ्राटेक ने नियामकीय सूचना में कहा कि एनसीएलटी की इलाहबाद पीठ ने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता 2016 की धारा सात के तहत आईडीबीआई बैंक की याचिका स्वीकार कर ली है.
इसमें कहा गया है कि कंपनी की तरफ से आपत्ति वापस लिए जाने के बाद एनसीएलटी की इलाहबाद पीठ ने नौ अगस्त को आईडीबीआई बैंक की याचिका स्वीकार कर ली और अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है. जेपी इंफ्राटेक समस्या से जूझ रही है. कंपनी ने नोएडा और आगरा को जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण किया है. कंपनी कर्ज में कमी लाने के लिए अपनी संपत्ति बेच रही है.
इसके अलावा भूषण स्टील, भूषण स्टील एंड पावर लि., इलेक्ट्रोस्टील तथा लैंकों इंफ्राटेक, आलोक इंडस्ट्रीज तथा ज्योति स्ट्रक्चर्स के खिलाफ भी ऋण शोध कार्यवाही शुरू की गयी हैं. यह उन 12 बड़े डूबे कर्ज में से हैं जिनकी पहचान रिजर्व बैंक ने की है.