आम आदमी को नवोन्मेषी स्वास्थ्य समाधान प्रदान करने के लिए सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों को हाथ मिलाने की जरूरत है क्योंकि सरकार के पास राजकोषीय दायरा सीमित है। यह बात आज वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कही।
Trending Photos
नई दिल्ली : आम आदमी को नवोन्मेषी स्वास्थ्य समाधान प्रदान करने के लिए सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों को हाथ मिलाने की जरूरत है क्योंकि सरकार के पास राजकोषीय दायरा सीमित है। यह बात आज वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कही।
उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित भारतीय स्वास्थ्य सम्मेलन में कहा, ‘राजकोषीय दायरा सीमित है और उन्हें इस क्षेत्र में नवोन्मेष की जरूरत है। हमें मिलकर नवोन्मेषी ढांचा पेश करने की जरूरत है जो हम सीमित संसाधन में कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत में स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च सकल घरेलू उत्पाद का छह प्रतिशत है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के 7 प्रतिशत की सीमा के करीब है।
उन्होंने कहा, ‘जहां तक जन स्वास्थ्य का सवाल है हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है। चुनौती सरकारी खर्च है जो सकल घरेलू उत्पाद का एक प्रतिशत है जो अपने जैसे देशों के समूह के मुकाबले नीचे है। हमें इसे ठीक करने की जरूरत है।’ सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो कि छह प्रतिशत प्रभावी और योग्य तरीके से हो।
सिन्हा ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशिक्षण सुविधाएं बहुत जरूरी हैं पर इनके लिए सरकारी धन जरूरत से बहुत कम उपलब्ध है। सिन्हा के साथ बातचीत के दौरान कंपनियों की ओर से मांग उठी कि बजट 2016-17 में स्वास्थ्य क्षेत्र को विशेष दर्जा दिया जाए। उद्योग जगत के लोग विभिन्न मुद्दों पर सरकार के साथ और वार्ता करना चाहते हैं।
इसके जवाब में सिन्हा ने कहा, ‘आपको पता है कि हमारे राजकोषीय संसाधन सीमित हैं, आपको पता है कि रिक्तियों और नवोन्मेषी पहल करने की दृष्टि से सरकार की क्षमताएं सीमित हैं। इसलिए आप हमारे पास आएं तो व्यावहारिक समाधान के साथ आएं, हमें बताएं कि हम क्या कर सकते हैं, हम बिल्कुल खुले हैं, हम अपनी सीमाओं की पहचान कर सकते हैं और हम मिलकर काम करना चाहते हैं ताकि इस मुश्किल समस्या का समाधान हो सके।’
उन्होंने कहा भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में एक प्राथमिक ‘मेडीकेयर’ पालिसी की बहुत जरूरत है ताकि यदि कोई व्यक्ति जिसकी आय कम है उसको भी इसकी सुरक्षा मिल सके।