नई दिल्ली : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश के अनुपालन पर स्थगन की अवधि बढ़ाकर 18 मई कर दी है। इससे सार्वजनिक परिवहन सेवाओं व निजी वाहन मालिकों को राहत मिली है। अधिकरण ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए सुझाव नहीं देने पर अधिकारियों को आड़े हाथ लिया है। एनजीटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने प्रतिबंध के आदेश पर अमल के खिलाफ स्थगन आदेश की मियाद बढ़ाने का निर्णय लिया।
पीठ के समक्ष सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से उपस्थित अतिरिक्त सालिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने अधिकरण से वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र की ओर से तरीके सुझाने के बारे में और समय मांगेगा।
पीठ ने कहा कि अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ने कहा है कि वह मंत्रालय को संबंधित मंत्रालयों व सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक की सलाह देंगी जिससे वायु प्रदूषण की समस्या का कुछ हल निकाला जा सके। हमें इस पर आपत्ति नहीं है। प्रतिबंध पर अमल को आगे बढ़ाया जाता है।’’ इस मामले पर अगली सुनवाई 18 मई को होगी।
अधिकरण ने केंद्र, दिल्ली सरकार व अन्य संबंधित अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्होंने अभी तक पंजीकरण की सीमा तय करने, पार्किंग शुल्क बढ़ाने व राजधानी में वायु प्रदूषण कम करने के लिए अन्य पहलों पर सुझाव नहीं दिए हैं।
एनजीटी ने कहा, ‘आपने हमारे आदेशों के अनुपालन के लिए कुछ नहीं किया है। यह काफी दुख की बात है। आप सिर्फ बहाने बनाना जानते हैं। आप मिलबैठकर सुझाव क्यों नहीं देते। पूरा भारत इस मुद्दे पर जवाब चाहता है।’’पीठ ने कहा, ‘एनसीटी-दिल्ली, पेट्रोलियम मंत्रालय, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय तथा शहरी विकास मंत्रालय और उत्तर प्रदेश व हरियाणा ने हमारे 13 अप्रैल के आदेश पर किसी तरह का सुझाव नहीं दिया है। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि आप हमारे आदेश का अनुपालन नहीं करेंगे, तो हम इस मामले पर आगे बढ़ने को मजबूर होंगे और आपका जवाब देने का अधिकार छिन जाएगा। इस मामले पर दो सप्ताह में जरूरी कदम उठाया जाए।’ एनजीटी ने दिल्ली सरकार, पेट्रोलियम मंत्रालय, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों से अपने सुझाव दो सप्ताह में देने को कहा है। इससे पहले एनजीटी ने 13 अप्रैल को शहर में दौड़ रहे 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को जब्त करने के अपने आदेश पर दो सप्ताह का स्थगन दिया था।