Nirmala Sitharaman on Cryptocurrency: भारत में कब आएगी क्रिप्टो करेंसी? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताई पूरी बात
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Nirmala Sitharaman on Cryptocurrency: भारत में कब आएगी क्रिप्टो करेंसी? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताई पूरी बात

Nirmala Sitharaman on Cryptocurrency : व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण ने कहा कि मनी लांड्रिंग या आतंकवादियों के वित्तपोषण को लेकर क्रिप्टोकरेंसी में हेराफेरी भी की जा सकती है. ये चिंताएं केवल भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों की हैं.

Nirmala Sitharaman on Cryptocurrency: भारत में कब आएगी क्रिप्टो करेंसी? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताई पूरी बात

Nirmala Sitharaman on Cryptocurrency : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने एक बार फ‍िर क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) पर अपनी बात रखी. व‍ित्‍त मंत्री ने क्रिप्टो के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए कहा कि देश इस डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) के रेग्‍युलेशन पर सोच-विचार कर निर्णय करेगा. उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि क्रिप्टो पर जल्दबाजी में फैसला नहीं लिया जाएगा.

किसी भी तरह प्रभावित करने का इरादा नहीं

सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा, 'हमें यह तय करना है कि जो भी उपलब्ध जानकारी है, उसके आधार पर सही फैसला लिया जाए. इसमें जल्दबाजी नहीं की जा सकती. इसमें समय लगेगा.' मंत्री ने साफ किया कि सरकार 'ब्लॉकचेन' से जुड़ी प्रौद्योगिकी को उसे आगे बढ़ाने के ल‍िए पूरी तरह से तैयार है. सीतारमण ने कहा कि हमारा इरादा किसी भी तरह से इसे प्रभावित करना नहीं है.

दुनिया के कई देशों की चिंताएं

उन्‍होंने कहा कि मनी लांड्रिंग या आतंकवादियों के वित्तपोषण को लेकर क्रिप्टोकरेंसी में हेराफेरी भी की जा सकती है. वित्त मंत्री ने कहा कि ये कुछ चिंताएं हैं. ये चिंताएं केवल भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों की हैं. इस पर अलग-अलग मंचों पर चर्चा भी हुई है. गौरतलब है क‍ि भारत केंद्रीय बैंक के समर्थन वाली डिजिटल मुद्रा (CBCD) पेश करने की योजना बना रहा है.

बढ़ती जरूरत के लिए बड़े बैंकों की जरूरत

सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट भाषण में घोषणा की थी कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 2022-23 में डिजिटल रुपया या सीबीडीसी जारी करेगा. एचडीएफसी लिम‍िटेड और एचडीएफसी बैंक के विलय के बारे में सीतारमण ने कहा कि यह अच्छा कदम है क्योंकि भारत को बुनियादी ढांचे के लिये बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए कई बड़े बैंकों की जरूरत है.

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