Budget से पहले अर्थशास्त्रियों के साथ 'मंथन', टैक्स सुधार और रोजगार पर रहेगा जोर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पर सुझाव के लिए उद्योग और किसान संगठनों समेत विभिन्न हितधारकों के साथ बैठक कर रही हैं. यह उनकी छठी परामर्श बैठक है.
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी आम बजट 2019-20 को लेकर अर्थशास्त्रियों के साथ शुक्रवार को चर्चा की. बैठक में अर्थशास्त्रियों ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को और सरल बनाने , प्रत्यक्ष कर संहिता लागू करने , रोजगार आधारित आर्थिक वृद्धि के लिए उपाय शुरू करने और राजकोषीय मजबूती को बनाए रखने का सुझाव दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पर सुझाव के लिए उद्योग और किसान संगठनों समेत विभिन्न हितधारकों के साथ बैठक कर रही हैं. यह उनकी छठी परामर्श बैठक है.
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह बजट अगले पांच साल के लिए दिशा निर्धारित करने वाला होना चाहिए. यह मेक इन इंडिया के जरिये विनिर्माण को बढ़ावा देने का विशेष अवसर है. बजट पांच जुलाई को लोकसभा में पेश किया जाएगा. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक , बैठक में आर्थिक वृद्धि , रोजगार , राजकोषीय प्रबंधन , निवेश और सार्वजनिक क्षेत्र की ऋण जरूरतों जैसे वृहद आर्थिक कारकों पर चर्चा हुई. अर्थशास्त्रियों ने आपूर्ति - श्रृंखला में अड़चनों को दूर करने , कृषि के लिए आयात - निर्यात (एक्जिम) नीति तैयार करने , वस्त्र उद्योग पर विशेष शुल्क हटाने , युवाओं का कौशल विकास , सेवा और विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने , दीर्घाकालीन वृद्धि के लिए संगठनात्मक सुधार जैसे अन्य प्रमुख सुझाव भी दिए हैं.
Finance Minister @nsitharaman chairs the Pre-Budget consultation with the representatives of Infrastructure sector and experts on climate change, in New Delhi pic.twitter.com/VBTMshVCp3
— PIB India (@PIB_India) 13 June 2019
बैठक में भाग लेने वालों में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) के सीईओ और निदेशक रथिन रॉय , इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान के कुलपति एस . महेंद्र देव , राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक शेखर शाह , बिजनेस स्टैंडर्ड के चेयरमैन टी एन नाइनन , फाइनेंशियल एक्सप्रेस के प्रबंध संपादक सुनील जैन समेत वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी शामिल रहे. अन्य प्रमुख अर्थशास्त्रियों में राकेश मोहन , नितिन देसाई और एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष है.