MSMEs द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने को लेकर NITI आयोग और ABB की वर्कशॉप
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MSMEs द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने को लेकर NITI आयोग और ABB की वर्कशॉप

वर्कशॉप का आयोजन बेंगलुरू में किया गया जिसमें फार्मास्युटिकल्स, टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे फील्ड के एंटरप्रेन्योर शामिल हुए.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपनाने से रोजगार पर जरूर असर पड़ता है.

नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी के बिना किसी भी सेक्टर के उचित विकास की कल्पना करना मुश्किल है. 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' जिसे AI कहते हैं, का इस्तेमाल सभी सेक्टर में हो रहा है. इससे काम में तेजी आई है और गलती की गुंजाइश भी कम हो जाती है. NITI आयोग और ABB इंडिया की तरफ से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने को लेकर वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इस वर्कशॉप में एंटरप्रेन्योर, नीति निर्माता (पॉलिसी मेकर्स), राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि समेत टेक्नोलॉजी फील्ड के एक्सपर्ट शामिल हुए. वर्कशॉप का आयोजन बेंगलुरू में किया गया.

इस वर्कशॉप में फार्मास्युटिकल्स, टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रोसेसिंग जैसे फील्ड के एंटरप्रेन्योर शामिल हुए. इस दौरान सभी सेक्टर के लोगों ने अपनी समस्याओं को सामने रखा जिससे इसका समाधान किया जा सके. पहली बड़ी समस्या जो सामने आई वह रेगुलेटरी, फाइनेंशियल एंड पॉलिसी (नीतियों) से संबंधित था. दूसरी समस्या के रूप में नए बिजनेस और इकोनॉमिक मॉडल को अपनाना है.

पुराने मॉडल के साथ टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट् को शामिल करने से नतीजे उतने बेहतर नहीं आएंगे. इसलिए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने से पहले बिजनेस मॉडल में बदलाव की जरूरत है. इन तमाम विषयों पर चर्चा के बाद जो नतीजे निकले उसमें ऑटोमेशन (छंटनी) गंभीर समस्या है. इसके अलावा स्किल्ड लोगों की भी कमी महसूस की गई.

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