नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि इस्पात (steel की कीमतों में पिछले छह महीनों में 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और ऐसे में सस्ता विकल्प उपलब्ध होने पर इस्पात और सीमेंट की दरें घटेंगी.
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नई दिल्लीः देश में इस्पात की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इस्पात (steel) और सीमेंट (cement) का विकल्प तलाशने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि कीमतों में कमी लाई जा सके. सड़क परिवहन और राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम (Road Transport and Highways and Micro, Small and Medium Enterprises) मंत्री ने कहा कि उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के कुछ लोगों से सीमेंट और इस्पात के विकल्पों पर शोध करने के लिए कहा है.
गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि इस्पात (steel की कीमतों में पिछले छह महीनों में 65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और ऐसे में सस्ता विकल्प उपलब्ध होने पर इस्पात और सीमेंट की दरें घटेंगी. उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकूल योजना के तहत तैयार उत्पादों को पेश करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोयाबीन केक का उदाहरण भी दिया.
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उन्होंने कहा कि सोयाबीन (Soybean) केक का मटन के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाए तो कुपोषण की समस्या में कमी लाई जा सकती है. मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि चिकन और मटन हमारी मानसिकता को खराब कर रहे हैं.’’ उन्होंने आगे जोड़ा कि इस बात पर विवाद नहीं होना चाहिए, क्योंकि भले ही वह शाकाहारी हैं, लेकिन देश में बहुत से लोग मांसाहारी हैं. गडकरी ने यह भी कहा कि ग्रामोद्योग को सशक्त बनाकर लाखों लोगों को रोजगार दिया जा सकता है. ग्रामोद्योग क्षेत्र में सालाना पांच लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है.