IDFC बैंक और श्रीराम कैपिटल के बीच मर्जर को लेकर बातचीत खत्म हो सकती है. डील की वैल्यूएशन पर सहमति नहीं बन पाने पर दोनों मर्जर खत्म करने का एलान कर सकते हैं. डील पर दोनों पक्षों में 4 महीने से बातचीत चल रही थी.
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नई दिल्ली. IDFC बैंक और श्रीराम कैपिटल के बीच मर्जर को लेकर बातचीत खत्म हो सकती है. डील की वैल्यूएशन पर सहमति नहीं बन पाने पर दोनों मर्जर खत्म करने का एलान कर सकते हैं. डील पर दोनों पक्षों में 4 महीने से बातचीत चल रही थी. हालांकि, सूत्रों की मानें तो रेगुलेटर की ओर से मंजूरी नहीं मिलने पर डील पूरी नहीं हो पाई है. इस डील में ट्रांसपॉर्ट, कन्ज्यूमर फाइनेंसिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडिंग से जुड़े 4 बिजनेस का मर्जर होना था.
डील को लेकर जल्द एलान संभव
डील में हर स्टेकहोल्डर इसे अपनी दिशा में खींचने की कोशिश कर रहा था. डील की बातचीत खत्म होने पर दोनों कंपनियां जल्द एलान कर सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक डील के प्रोसेस से शेयरधारक और रेगुलेटर खुश नहीं थे. यह कॉम्प्लेक्स डील थी. प्रस्तावित डील से नाराज छोटे शेयरधारकों ने इसे मंजूरी नहीं दी. हालांकि, खबर पर आईडीएफसी बैंक और श्रीराम कैपिटल की तरफ से कोई जानकारी नहीं मिली है.
जुलाई में हुआ था एलान
आईडीएफसी बैंक और श्रीराम कैपिटल ने जुलाई के पहले हफ्ते में मर्जर को लेकर बातचीत के लिए करार का एलान किया था. आईडीएफसी बैंक को डील से अपनी पकड़ मजबूत होने की उम्मीद थी. आईडीएफसी बैंक को 2014 में बैंकिंग लाइसेंस मिला था. उधर, श्रीराम कैपिटल बिजनेस में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए और बैंकिंग क्षेत्र में कदम रखना चाहती थी.
आईडीएफसी लिमिटेड होती नई कंपनी
डील होने के बाद दोनों ग्रुप के सभी ऑपरेटिंग बिजनेस को आईडीएफसी लिमिटेड चलाने वाली थी. वहीं, श्रीराम कैपिटल के रिटेल कन्ज्यूमर बिजनेस और श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस का आईडीएफसी बैंक में विलय होना था. श्रीराम ग्रुप का ट्रांसपॉर्ट फाइनेंस बिजनेस स्टैंडअलोन NBFC बना रहता और आईडीएफसी लिमिटेड की सब्सिडियरी के तौर पर काम करता रहता. इंश्योरेंस जैसे दूसरे कारोबार को भी आईडीएफसी लिमिटेड के तहत लाने की संभावना थी. दोनों के बीच करीब 4 महीने से शेयर स्वॉप रेश्यो और मर्जर की दूसरी डिटेल्स पर बात हो रही थी.
स्वर्ग में बनने वाली जोड़ी टूटेगी !
आईडीएफसी बैंक के सीईओ राजीव लाल ने इस डील को 'स्वर्ग में बनने वाली जोड़ी' बताया था. श्रीराम ग्रुप के अकेले सबसे बड़े शेयरहोल्डर अजय पिरामल ने कहा था, 'अगर आगे चलकर अचानक बड़ी मुसीबत आती है तो बैंक होने पर उससे मदद मिलेगी.