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दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम (Passport Seva Programme) के लिए डिजी लॉकर प्लेटफॉर्म का आगाज कर दिया है. इस सुविधा के शुरू होने से पासपोर्ट बनवाने वालों को आवेदन के समय सारे मूल कागजात दिखाने की जरूरत नहीं होगी. डिजी लॉकर प्रोग्राम के जरिए पूरी प्रक्रिया को और आसान कर दिया गया है.
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (v Muraleedharan) के मुताबिक पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम देश में पासपोर्ट सेवाओं के विस्तार की दिशा में बहुत बड़ा परिवर्तन है. इससे पासपोर्ट बनवाने वालों को बड़ी सुविधा होगी. विदेश मंत्रालय के मुताबिक पिछले 6 साल में पासपोर्ट बनवाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. हर महीने पासपोर्ट के लिए आवदेन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2017 में पहली बार एक महीने में 10 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था.
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नागरिकों की सुविधा के लिए विदेश मंत्रालय ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. एक तरफ पासपोर्ट नियमों को काफी सरल किया गया है दूसरी तरफ उनके घर के पास भी पासपोर्ट बनवाने की व्यवस्था की गई है. प्रधान डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केंद्र शुरू कर दिये गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक 426 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) चालू हो चुके हैं और जल्द ही कई और आने वाले हैं. वर्तमान में 36 पासपोर्ट कार्यालय और 93 मौजूदा पासपोर्ट सेवा केंद्र के साथ 426 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र से पासपोर्ट बनाए जा रहे हैं. इस तरह से देश में पासपोर्ट बनवाने के लिए कुल 555 स्थानों से पासपोर्ट बनाया जा रहा है.
कोरोना काल में नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिहाज से देश में ई-पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है. जल्द ही ई-पासपोर्ट की सुविधा की शुरुआत हो जाएगी. इसके अलावा ई-पासपोर्ट के जरिए जानकारी को और महफूज कर दिया जाएगा. डिजिटल इंडिया मिशन के तहत हर सेवा को डिजिटल किया जा रहा है जिससे लोगों को घर बैठे सुविधा मिल रही है.
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