नई दिल्ली: भारतीय रेलवे (Indian railways) ने उन खबरों को गलत करार दिया है, जिसमें कहा गया था कि रेलवे अब मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से स्लीपर क्लास (Sleeper class) बोगी हटाने वाला है. रेलवे ने कहा कि थ्री-टीयर कोच (3-Tier coach) को लाने का मकसद यात्रा को ज्यादा सस्ता और आरामदायक बनाना है. वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में रेलवे बोर्ड (Railway board) के चेयरमैन और CEO वीके यादव ने कहा कि 'हम निश्चित ही स्लीपर क्लास कोचों को रखेंगे. रेलवे उसे बंद नहीं कर रहा है.'


'ट्रेनों की स्पीड बढ़ाना मकसद'


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वीके यादव के मुताबिक 'रेलवे की योजना अपने नेटवर्क के ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाना है. नई दिल्ली-मुंबई और नई दिल्ली-कोलकाता रूट पर ट्रेन की गति 130 किमी की जाएगी, जबकि 160 किमी की गति हासिल करने के लिए ट्रैक को अपग्रेड करने का काम शुरू हो चुका है.' उन्होंने बताया कि 'इस तेज स्‍पीड की वजह से स्लीपर क्लास के कोचों में यात्रियों को समस्या और परेशानी होगी.' उन्होंने कहा कि 'इसलिए रेलवे ने नए AC-3 टीयर कोच बनाने का फैसला लिया है, जो अगले साल तक आ जाएगा. हमारा उद्देश्य AC ट्रेनों से सफर को ज्यादा सस्ता बनाने का है और इसका किराया S-3 और स्लीपर क्लास के बीच होगा.'  


83 बर्थ के होंगे AC कोच, आसानी से मिलेगा कंफर्म टिकट


आपको बता दें कि रेलवे जल्द ही ट्रेनों में 72 नहीं बल्कि 83 बर्थ के AC कोच लाने वाला है. 83 बर्थ वाले AC कोच रेलवे की कोच फैक्ट्री में तैयार हो रहे हैं, जिसे जल्द ही ट्रैक पर उतारा जाएगा. अब तक 3rd AC कोच में 72 बर्थ या सीट होती हैं. रेलवे कोच की नई डिज़ाइन के जरिए ट्रेनों में बैठने की क्षमता को बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. ट्रेनों में यात्रियों के बैठने की क्षमता बढ़ने से यात्रियों को आसानी से कन्फर्म टिकट मिल सकेगा. 


100 AC कोच इस साल बनेंगे 


रेलवे बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक, इस साल 100 कोच बनकर तैयार हो जाएंगे जबकि अगले साल 83 बर्थ के 200 और कोच बनाने का लक्ष्य है. ये कोच केवल उन ट्रेनों में लगेंगे जिनकी स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटे या इससे ज़्यादा है. रेलवे की ओर से नई डिज़ाइन के तहत तैयार किए जा रहे ये AC कोच, स्लीपर कोच की जगह लगाए जाएंगे. आने वाले समय में रेलवे स्लीपर कोच की जगह AC कोच चलाने की तैयारी कर रही है.