नोएडा में 200 बिल्डिंग पर चलेगा बुल्डोजर! सबसे ज्यादा इस एरिया में अवैध इमारतें
नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि हमने इन बिल्डिंग के मालिकों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी है कि यदि वे तय नियमों का पालन नहीं करेंगे तो प्राधिकरण को इनको ध्वस्त करना होगा.
Noida Authority Planning: नोएडा प्राधिकरण की तरफ से कम से कम 200 बिल्डिंग को अवैध घोषित किया गया है. इन बिल्डिंग का निर्माण नियमों का उल्लंघन करके किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकरण ने इन इमारतों के मालिकों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है, जो गांव की जमीनों पर बनी हैं और उन्हें प्लान्ड डेवलपमेंट के लिए नोटिफाई किया गया था. नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि हमने इन बिल्डिंग के मालिकों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी है कि यदि वे तय नियमों का पालन नहीं करेंगे तो प्राधिकरण को इनको ध्वस्त करना होगा.
बिल्डिंग बनाने के लिए मंजूरी लेना जरूरी
नियमों के अनुसार, कोई भी प्लॉट मालिक किसी भी बिल्डिंग का निर्माण तब ही कर सकता है जब उसे इसके लिए अनुमति मिल जाए. इसके लिए प्राधिकरण के योजना विभाग से भवन के मानचित्र के लिए मंजूरी लेनी होती है. प्राधिकरण की तरफ से पिछले छह महीने के दौरान सभी ग्रामीण क्षेत्रों में एक सर्वे किया गया. इस दौरान पाया गया कि करीब 200 बिल्डिंग को नियमों का उल्लंघन करके बनाया गया है. ऐसी बिल्डिंग को ध्वस्त करने की जरूरत है.
बरौला में 14 बिल्डिंग के निर्माण में नियमों का पालन नहीं किया
अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि अकेले बरौला में कम से कम 14 बिल्डिंग हैं, जिनके निर्माण में नियमों का पालन नहीं किया गया. सलारपुर में करीब 20 इमारतें हैं और हजीपुर क्षेत्र में करीब 30 इमारतें हैं. छोटे-छोटे डेवलपर्स ग्रामीण क्षेत्रों में प्लॉट खरीदते हैं और फ्लैट, दुकानें या ऑफिस स्पेस बनाना शुरू कर देते हैं. इनमें खरीदारों को सस्ते दाम पर संपत्ति की पेशकश की जाती है. एक अधिकारी ने बताया कि प्राधिकरण की तरफ से पिछले दिनों समाचार पत्रों में और अपनी वेबसाइट पर इसको लेकर सार्वजनिक नोटिस जारी किए हैं.
नोटिस जारी कर खरीदारों को चेताया गया
प्राधिकरण की तरफ से जारी नोटिस में अनऑथराइज प्रोजेक्ट में प्लॉट, फ्लैट या दुकान खरीदने के खिलाफ चेताया गया है. इन प्रोजेक्ट को टाउन प्लानिंग डिपार्टमेंट की तरफ से मंजूरी के बिना बनाया गया है. प्राधिकरण ने अपने पब्लिक नोटिस में खरीदारों को नगली वाजिदपुर गांव में निवेश नहीं करने की चेतावनी दी थी, जहां एक बड़ा अनऑथराइज प्रोजेक्ट सामने आया है. अवैध बिल्डिंग को ध्वस्त करने के लिए एक प्राइवेट एजेंसी को भी नियुक्त करने का फैसला लिया गया है. प्राधिकरण के पास अकेले इस काम को पूरा करने के लिए पर्याप्त मैन पावर नहीं है.
प्राधिकरण की तरफ से बताया गया कि ये अवैध बिल्डिंग मौजूदा नागरिक बुनियादी ढांचे पर अतिरिक्त बोझ डाल रही हैं. ये केवल प्लान्ड डेवलपमेंट के लिए बनाई गई हैं क्योंकि ये मास्टर प्लान का हिस्सा नहीं हैं. अधिकारियों ने बताया कि सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद प्राधिकरण इन इमारतों को गिराने जैसी कार्रवाई करेगा.