रेपो दर में RBI नहीं करेगा कोई बदलाव, 2018 में हो सकती है आधी फ़ीसद तक बढ़ोतरी: नोमुरा
Advertisement

रेपो दर में RBI नहीं करेगा कोई बदलाव, 2018 में हो सकती है आधी फ़ीसद तक बढ़ोतरी: नोमुरा

मुद्रास्फीति के निकट भविष्य में अनुकूल बने रहने की उम्मीद में भारतीय रिजर्व बैंक इस साल नीतिगत दर को यथावत रख सकता है हालांकि, आने वाले समय में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ने के साथ रेपो दर में आधा प्रतिशत तक वृद्धि की जा सकती है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. जापानी प्रमुख वित्तीय सेवा नोमुरा के मुताबिक रिजर्व बैंक वर्तमान में निम्न मुद्रास्फीति आंकड़ों को देख रहा है, इसे देखते हुये वह 2017 में नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है. हालांकि, आने वाले समय में जैसे जैसे आर्थिक वृद्धि तेज होगी और मुद्रास्फीति का आंकड़ा चढ़ेगा उसके साथ ही नीतिगत दर में वृद्धि हो सकती है और 2018 में कुल मिलाकर इसमें आधा प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है.

नई श्रृंखला पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 4 माह के निम्न स्तर 3.85% पर रह गई. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: मुद्रास्फीति के निकट भविष्य में अनुकूल बने रहने की उम्मीद में भारतीय रिजर्व बैंक इस साल नीतिगत दर को यथावत रख सकता है हालांकि, आने वाले समय में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार बढ़ने के साथ रेपो दर में आधा प्रतिशत तक वृद्धि की जा सकती है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. जापानी प्रमुख वित्तीय सेवा नोमुरा के मुताबिक रिजर्व बैंक वर्तमान में निम्न मुद्रास्फीति आंकड़ों को देख रहा है, इसे देखते हुये वह 2017 में नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है. हालांकि, आने वाले समय में जैसे जैसे आर्थिक वृद्धि तेज होगी और मुद्रास्फीति का आंकड़ा चढ़ेगा उसके साथ ही नीतिगत दर में वृद्धि हो सकती है और 2018 में कुल मिलाकर इसमें आधा प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है.

रिपोर्ट के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल के मुकाबले इस साल अप्रैल में 2.99 प्रतिशत रह गई. मुद्रास्फीति में यह गिरावट मुख्य तौर पर दलहन और सब्जियों के दाम में आई गिरावट से आई है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े इस बार वर्ष 2012-12 की नई श्रंखला के आधार पर जारी किये गये हैं. नई श्रृंखला पर आधारित थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति अप्रैल में चार माह के निम्न स्तर 3.85 प्रतिशत पर रह गई.

रिपोर्ट में कहा गया है हालांकि, निकट भविष्य का मुद्रास्फीति परिदृश्य काफी अनुकूल लगता है लेकिन 2017 की चौथी तिमाही और 2018 के पहली छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के वर्ष की दूसरी छमाही में पांच प्रतिशत और उसके आसपास स्थिर होने से पहले तेजी से बढ़कर 5.5 से 6 प्रतिशत के दायरे में पहुंच जाने का अनुमान है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस साल तीसरी मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 6.25 प्रतिशत पर स्थिर रखा है. हालांकि, उसने रिवर्स रेपो दर को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दिया.

Trending news