महंगे हुए बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर और केरोसिन
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महंगे हुए बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर और केरोसिन

पेट्रोल और डीजल के बाद बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस (एलपीजी), मिट्टी के तेल और विमान ईंधन एटीएफ कीमतों में वैश्विक रुख के अनुरूप बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में शनिवार की रात पेट्रोल का दाम 1.06 रुपये प्रति लीटर बढ़कर 62.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल का 2.94 रुपये प्रति लीटर बढ़कर 50.95 रुपये प्रति लीटर हो गया। इस बढ़ोतरी के बाद रविवार को गैर सब्सिडी केरोसिन के दाम में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।

महंगे हुए बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर और केरोसिन

नई दिल्ली : पेट्रोल और डीजल के बाद बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस (एलपीजी), मिट्टी के तेल और विमान ईंधन एटीएफ कीमतों में वैश्विक रुख के अनुरूप बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में शनिवार की रात पेट्रोल का दाम 1.06 रुपये प्रति लीटर बढ़कर 62.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल का 2.94 रुपये प्रति लीटर बढ़कर 50.95 रुपये प्रति लीटर हो गया। इस बढ़ोतरी के बाद रविवार को गैर सब्सिडी केरोसिन के दाम में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।

राशन की दुकानों से अलग बेचे जाने वाले मिट्टी के तेल का दाम अब 49.10 रुपये प्रति लीटर होगा, जो अभी तक 46.17 रुपये प्रति लीटर था। इसी तरह बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के रसोई गैस सिलेंडर का दाम 18 रुपये बढ़ाया गया है। दिल्ली में बिना सब्सिडी वाले एलपीजी का दाम अब बढ़कर 527.50 रुपये हो गया है, जो अभी तक 509.50 रुपये था। इससे पिछले तीन महीनों के दौरान इसकी कीमतों में लगातार कटौती हुई थी।

आखिरी बार 01 अप्रैल को इसके दाम चार रुपये घटाए गए थे। 01 मार्च को इसकी कीमत में 61.50 रुपये प्रति और 01 फरवरी को 82.5 रुपये की कटौती की गई थी। सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर का दाम दिल्ली में 419.15 रुपये प्रति प्रति सिलेंडर है। इसी तरह दिल्ली में विमान ईंधन, एटीएफ की कीमतों में भी डेढ़ फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। दिल्ली में एटीएफ का दाम 627 रुपये या 1.48 फीसदी प्रति किलोलीटर बढ़ाकर 42,784.01 रुपये प्रति प्रति किलोलीटर हो गया है। इससे पहले एक अप्रैल को एटीएफ की कीमतों को 8.7 प्रतिशत या 3,371.55 रुपये प्रति प्रति किलोलीटर घटाया गया था। वहीं एक मार्च को एटीएफ के दाम 12 फीसदी या 4,174.49 रुपये प्रति किलोलीटर बढ़ाए गए थे। विभिन्न स्थानों पर स्थानीय बिक्री कर या मूल्य वर्धित कर (वैट) में अंतर की वजह से इसकी कीमतों में भिन्नता हो सकती है। 

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