पुराने नोट और सिक्कों को बेचने खरीदने वालों के झांसे में न आएं, RBI ने लोगों के लिए जारी की चेतावनी
RBI on Old notes and coins: RBI का नाम और लोगो का इस्तेमाल करके लोगों को ठगा जा रहा है, उनसे पुराने नोट और सिक्कों को खरीदने बेचने के लिए फीस और कमीशन लिया जा रहा है, रिजर्व बैंक ने खुद इस मामले का संज्ञान लिया है.
नई दिल्ली: RBI on Old notes and coins: पुराने नोट और सिक्कों की बिक्री को लेकर आजकल कई खबरें सामने आ रही हैं, कई ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म पर इन पुराने नोट और सिक्कों को रिजर्व बैंक के नाम पर खरीदा और बेचा जा रहा है. लोग इस धोखाधड़ी का शिकार भी हो रहे हैं. इसे लेकर रिजर्व बैंक ने एक अलर्ट जारी किया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने आगाह करते हुए कहा कि धोखाधड़ी करने वाले कुछ तत्व ऑनलाइन, ऑफलाइन प्लेटफॉर्म पर पुराने बैंक नोट और सिक्कों की बिक्री के लिए रिजर्व बैंक के नाम और LOGO का इस्तेमाल कर रहे हैं.
RBI ने ट्वीट कर लोगों को किया आगाह
रिजर्व बैंक ने इस मामले पर एक ट्वीट भी किया है. जिसमें RBI ने कहा है कि - भारतीय रिजर्व बैंक के संज्ञान में यह बात सामने आई है कि कुछ तत्व गलत तरीके से भारतीय रिजर्व बैंक के नाम और LOGO का इस्तेमाल कर रहे हैं और कई ऑनलाइन, ऑफलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए पुराने बैंक नोट और सिक्कों को बेचने के लिए लोगों से शुल्क/ कमीशन या टैक्स मांग रहे है. RBI ने साफ किया है कि वह ऐसे किसी भी मामले में हस्तक्षेप नहीं करता है और न ही ऐसे मामलों में फीस और कमीशन लेता है. उसने अपनी तरफ से किसी को भी इस बात की अथॉरिटी नहीं दी है.
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RBI ऐसा काम नहीं करता है
रिजर्व बैंक ने कहा है कि - यह स्पष्ट किया जाता है कि रिजर्व बैंक ऐसे मामलों का कार्य नहीं करता है और कभी किसी प्रकार का शुल्क/कमीशन की मांग नहीं करता है. रिजर्व बैंक ने भी अपनी ओर से इस तरह के लेनदेन में शुल्क या कमीशन लेने के लिए किसी संस्था/फर्म/व्यक्ति इत्यादि को अधिकृत नहीं किया है. रिजर्व बैंक ने कहा कि - भारतीय रिजर्व बैंक जनता को सतर्क रहने के लिए सूचित करता है और भारतीय रिजर्व बैंक के नाम का उपयोग करने वाले ऐसे फर्जी/धोखाधड़ी प्रस्तावों के माध्यम से धन निकालने वाले तत्वों का शिकार न बनें
दरअसल, ऐसे ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म पर रिजर्व बैंक के LOGO और उसका नाम इस्तेमाल करके लोगों के मन में एक विश्वास पैदा करने की कोशिश की जाती है. उन्हें ये बताया जाता है कि वो जो शुल्क या कमीशन ले रहे हैं वो लीगल और वाजिब है, जब रिजर्व बैंक के सामने ये बात आई तो केंद्रीय बैंक ने खुद इसका संज्ञान लिया और लोगों को इस फर्जीवाड़े से आगाह करने के लिए अलर्ट जारी किया.
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