भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के नए नियम के तहत दुकानों में मिठाइयों की सजी थालियों पर 'बेस्ट बिफोर हलवाइयों के लिए लिखना अनिवार्य होगा. मतलब, मिठाई जिस समय तक खाने योग्य होगी, उसकी तारीख मिठाई की थाली पर अब लिखनी होगी.
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नई दिल्ली: हाथ से बनी मिठाई खरीदना किसी के लिए भी एक चुनौती ही है. शानदार लाइटों के बीच ताजा मिठाई की पहचान कर पाना मुश्किल काम ही है. लेकिन अब आपको इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं. अब हलवाई आपको बासी मिठाई नहीं बेच पाएंगे. केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर से एक नया कानून लागू करने का फैसला किया है. इसके तहत मिठाई बेचने वाले दुकानदारों को अपने सभी उत्पादों पर एक्सपायरी डेट डालना अनिवार्य होगा.
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के नए नियम के तहत दुकानों में मिठाइयों की सजी थालियों पर 'बेस्ट बिफोर हलवाइयों के लिए लिखना अनिवार्य होगा. मतलब, मिठाई जिस समय तक खाने योग्य होगी, उसकी तारीख मिठाई की थाली पर अब लिखनी होगी. हालांकि मिठाई बनाने की तारीख थाली पर लिखना अनिवार्य नहीं होगा, क्योंकि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इसे विनिमार्तों की इच्छा पर छोड़ दिया है. फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैनुफैक्चर्स (FSNM) डायरेक्टर फिरोज नकवी ने कहा कि इससे हलवाइयों को बड़ी राहत मिली है, लेकिन 'बेस्ट बिफोर डेट' लिखने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि यह व्यावहारिक नहीं है.
एफएसएसएआई ने 25 सितंबर के एक आदेश में मिठाइयों की खुली बिक्री के लिए दुकानों में मिठाइयों की थालियों पर 'बेस्ट बिफोर डेट' लिखना एक अक्टूबर से अनिवार्य कर दिया है, लेकिन मिठाई बनाने की तारीख लिखने की कोई बंदिश नहीं होगी. एफएसएसएआई ने आदेश में कहा है कि विनिर्माण की तिथि लिखना ऐच्छिक होगा.
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एफएसएसएआई का यह आदेश मिठाइयों की सिर्फ खुली बिक्री के लिए है. जानकारों का कहना है कि बिना पैकेट वाली मिठाइयों के लिए यह आदेश लागू होगा जबकि पैकेटबंद मिठाई, नमकीन जैसी खाद्य वस्तुओं के लिए विनिर्माण की तिथि और विनिर्माण की तिथि के बाद कब तक उपभोग के लिए उत्तम है, उसकी अवधि लिखना अनिवार्य है.