क्या फिटनेस ट्रेनर, ब्यूटीशियन और प्लंबर भी आएंगे GST दायरे में? जानिए क्या चाहती है सरकार
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क्या फिटनेस ट्रेनर, ब्यूटीशियन और प्लंबर भी आएंगे GST दायरे में? जानिए क्या चाहती है सरकार

बिना GST नंबर बताए काम मिलने में परेशानी आ सकती है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: अगर आप या आपका कोई जानकार प्लंबर, फिटनेस ट्रेनर या ब्यूटीशियन पेशे से जुड़े हैं, तो ये खबर आपके लिए अहम है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार इन सभी पेशे काम करने वाले लोगों के लिए जीएसटी (GST) रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने पर विचार कर रही है. एक बार लागू होने के बाद बिना GST नंबर बताए काम मिलने में परेशानी आ सकती है.

क्यों चाहती है सरकार जीएसटी रजिस्ट्रेशन?
सूत्रों का कहना है कि ऐप के जरिए इन सेवाओं को ग्राहकों तक पहुंचाने वाली कंपनिया अर्बनक्लैप, हाउसजॉय और ब्रो4यू पर जीएसटी कैलकुलेशन में काफी दिक्कतें आती है. कंपनियों को होने वाली कमाई पर जीएसटी निगरानी भी कठिन साबित हो रहा है. फिटनेस ट्रेनर, ब्यूटीशियन और प्लंबर के पेशे से जुड़े लोगों के रजिस्ट्रेशन होने के बाद ऐसी परेशानियों में कमी आने की उम्मीद है. सरकार इन ऐप आधारित कंपनियों को हर काम के लिए जीएसटी नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य करने पर विचार कर रही है. एक बार कानून बन जाने पर ऐप आधारित कंपनियां किसी भी ऑर्डर पर उन्हीं लोगों को काम दे सकेंगी जिनके पास जीएसटी नंबर मौजूद होगा. 

तो क्या आपको देना होगा जीएसटी?
एक अन्य अधिकारी का कहना है कि जीएसटी नंबर मिलने के बावजूद ज्यादातर लोगों को टैक्स देने की जरुरत नहीं होगी. दरअसल इन पेशों से जुड़े किसी भी काम में सालाना 40 लाख से कम टर्नओवर होने पर जीएसटी नहीं भरना होगा. सरकार चाहती है कि असंगठित क्षेत्र के पेशेवरों पर भी सरकार की निगरानी बनी रहे ताकि किसी अप्रिय घटना के होने पर इनकी पहचान की जा सके.

बताते चलें कि देश में अभी भी लगभग 50 करोड़ से ज्यादा लोग नौकरी, मजदूरी और अन्य पेशों में लगे हैं. इनमें से 45 करोड़ लोग ऐसे लोग हैं जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं. सरकार चाहती है कि सही निगरानी की मदद से देश में आय का सही आकलन हो पाए.

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