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नई दिल्ली : नए साल से 50 हजार रुपये अथवा इससे अधिक के होटल बिल और विदेश यात्रा किराये का नकद भुगतान करते हुये स्थायी खाता संख्या (पैन) बताना अनिवार्य कर दिया गया है।
सरकार ने घरेलू स्तर पर कालेधन की निगरानी के लिये यह कदम उठाया है। आगामी एक जनवरी 2016 से यह नियम लागू हो जाएगा। दस लाख रुपये की अचल संपत्ति खरीदने पर भी पैन का उल्लेख अनिवार्य कर दिया गया है। यह सस्ते मकान खरीदने वालों के लिये राहत की बात हो सकती है क्योंकि इससे पहले सरकार ने पांच लाख रुपये की खरीद फरोख्त पर ही पैन अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया था। बिना विलासिता वाले खर्च के मामले में हालांकि, पैन को दो लाख रुपये से अधिक के लेनदेन पर ही पूछा जाएगा।
सरकार ने छोटे निवेशकों को इस मामले में राहत देते हुये डाकघर में पचास हजार रुपये से अधिक की जमा पर पैन की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने इन नये नियमों को मंगलवार को जारी करते हुये कहा एक बार में दो लाख रुपये अथवा इससे अधिक के आभूषण और सोना, चांदी खरीदने पर भी पैन का उल्लेख करना होगा। सोना, चांदी और जेवरात खरीद को भी कालेधन का प्रमुख स्रोत माना जाता है। वर्तमान में पांच लाख और इससे अधिक के आभूषण खरीद पर पैन बताने की आवश्यकता थी।
अधिया ने कहा कि 50 हजार रुपये से अधिक का कैश कार्ड खरीदने अथवा प्री-पेड सुविधा वाला कोई भी साधन खरीदने के लिये नकद भुगतान किये जाने के मामले में भी पैन अनिवार्य होगा। इसके अलावा गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में एक लाख रुपये से अधिक का निवेश करने पर भी पैन का उल्लेख अनिवार्य होगा।
अधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना बैंक खाता खोलने के अलावा अन्य सभी बैंक खाते खोलने के मामले में भी पैन अनिवार्य होगा। जिन मामलों में राहत दी गई है उनमें बेसिक लैंडलाइन फोन अथवा सेलफोन कनेक्शन लेने के लिये भी पैन की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कहा कि दो लाख रुपये से अधिक के नकद और कार्ड से होने वाले लेनदेन में पैन का उल्लेख अनिवार्य किये जाने के बारे में सरकार जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी। चालू वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में प्रस्तावित एक लाख रुपये के मुकाबले यह सीमा दोगुनी है। (एजेंसी इनपुट के साथ)