साफ लग रहा है कि सायरस मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन के तौर पर बहाल किए जाने को लेकर कंपनी का रुख बिलकुल उलट है.
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नई दिल्ली : Tata sons टाटा संस बनाम सायरस मिस्त्री मामले में गतिविधियां तेज हो गई हैं. टाटा संस द्वारा सायरस मिस्त्री को कंपनी में बतौर चेयरमैन नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद अब समूह के सबसे वरिष्ठ रतन टाटा Ratan Tata ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलाट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) NCLAT के फैसले को बदलने की याचिका दायर की है. दो दिनों के भीतर टाटा की तरफ से ये दूसरी अर्जी है. साफ लग रहा है कि सायरस मिस्त्री को कंपनी के चेयरमैन के तौर पर बहाल किए जाने को लेकर कंपनी का रुख बिलकुल उलट है.
चीफ जस्टिस करेंगे सुनवाई होने की मंजूरी पर फैसला
रतन टाटा के इस नई याचिका पर सुनवाई हो या नहीं इस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सोमवार को कोर्ट खुलने के बाद फैसला लेंगे. इस नई याचिका में टाटा ने NCLAT के फैसले को चुनौती देते हुए कहा है कि सायरस मिस्त्री को टाटा कंपनी का चेयरमैन बनाने का फैसला प्रोफेशनल कैपिसिटी में लिया गया था. इस फैसले का मिस्त्री के एसपी ग्रुप का प्रतिनिधि होने से कोई संबंध नहीं.
पिछले महीने की मिस्त्री को बहाल किया था NCLAT ने
तीन साल पहले बड़े ड्रामे के बाद साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयमैन पद से हटा दिया गया था. लेकिन दिंसबर महीने में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन के पद पर बहाल करने का ऑर्डर दिया था. न्यायाधिकरण ने एन चंद्रा की नियुक्ति को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अवैध ठहराया था.
बताते चलें कि 2016 में सायरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद हटाया गया था. दो महीने बाद मिस्त्री की ओर से सायरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प ने टाटा सन्स के फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में चुनौती दी थी. कंपनियों की दलील थी कि मिस्त्री को हटाने का फैसला कंपनीज एक्ट के नियमों के मुताबिक नहीं था.