‘भारत को प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए निर्यात जरूरी’
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‘भारत को प्रमुख विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए निर्यात जरूरी’

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की एक तरह से आलोचना करते हुए केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश तभी विनिर्माण का बड़ा केंद्र बन सकता है जब देश से निर्यात बढ़ाया जाए, न कि केवल घरेलू खपत के लिेए ही उत्पादन हो।

नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की एक तरह से आलोचना करते हुए केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश तभी विनिर्माण का बड़ा केंद्र बन सकता है जब देश से निर्यात बढ़ाया जाए, न कि केवल घरेलू खपत के लिेए ही उत्पादन हो।

औद्योगिक नीति एंव संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव अमिताभ कांत ने कहा, ‘हम सभी को इस बारे में पूरी तरह स्पष्ट होना चाहिए। भारत का अगर निर्यात बढ़ता है तो वह प्रमुख विनिर्माता देश बन सकता है और इसमें तेजी से वृद्धि होनी चाहिए। अगर हम सभी निर्यात के महत्व को समझेंगे, तभी निर्यात बढ़ेगा।’

उन्होंने कहा, ‘आप कभी भी वस्तुएं केवल घरेलू बाजार के लिये नहीं बनाते। दुनिया में कोई भी विनिर्माणकर्ता केवल घरेलू बाजार के लिये सामान नहीं बनाता। आप शुरू में ऐसा करते हैं लेकिन उसके बाद आप उसका विस्तार करते हैं। आप आगे बढ़ते हैं और वैश्विक बाजार में जाते हैं और एक सही कारोबारी से यही उम्मीद की जाती है।’ उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है।

उन्होंने कहा, ‘आपकी हिस्सेदारी बेहद कम है और हम क्या बात कर रहे हैं। 1.7 प्रतिशत हिस्सेदारी है और हम कह रहे हैं कि निर्यात नहीं करो। यह समय है जब आप निश्चित रूप से उत्साह और उर्जा के साथ वैश्विक बाजारों में प्रवेश करें।’

उल्लेखनीय है कि 12 दिसंबर को राजन ने नई सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को लेकर आगाह किया था। इस अभियान को चीन की तरह निर्यात उन्मुख वृद्धि के रास्ते पर चलने के रूप में देखा जा रहा है। उनका कहना था कि इसके बदले ‘मेक फॉर इंडिया’ पर बल होना चाहिए जिसमें आंतरिक बाजार के लिये उत्पादन पर जोर होना चाहिए।

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