सरकार का इस पोर्टल के जरिये असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों जैसे निर्माण मजदूर, प्रवासी कार्यबल, रेहड़ी-पटरी वाले और घरेलू कामगारों को पंजीकृत करने का लक्ष्य है.
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार में श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा छह महीने के अंदर 25 करोड़ तक पहुंच गया है. केंद्रीय मंत्री ने असंगठित क्षेत्र के 38 करोड़ कामगारों का ब्योरा रखने के लिए अगस्त, 2021 में ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत की थी.
सरकार का इस पोर्टल के जरिये असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों जैसे निर्माण मजदूर, प्रवासी कार्यबल, रेहड़ी-पटरी वाले और घरेलू कामगारों को पंजीकृत करने का लक्ष्य है. केंद्रीय मंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में मंत्रालय द्वारा आयोजित सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम में कहा, 'ई-श्रम पोर्टल ने 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के आदर्श वाक्य को पूरा करने की दिशा में खुद को एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में स्थापित किया है.'
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उन्होंने कहा, 'इस मंच पर छह महीने से भी कम में 25 करोड़ पंजीकरण तक पहुंचना सामूहिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है.' उन्होंने कहा कि उमंग मोबाइल एप्लिकेशन पर भी ई-श्रम पोर्टल उपलब्ध कराया गया है, जो केंद्र और राज्य सरकार की सेवाओं और राष्ट्रीय कैरियर सेवा (NCS) पोर्टल तक पहुंच प्रदान करता है. इस दौरान यादव ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) पेंशन योजना के तहत 'डोनेट-अ-पेंशन' पहल की भी घोषणा की.
दिसंबर 2021 में सरकार ने फैसला लिया था कि ई-श्रम कार्ड धारकों को 500 रुपये प्रति महीने की आर्थिक मदद दी जाएगी. इसके तहत सरकार ई-श्रम कार्ड धारकों को 1 हजार रुपये की आर्थिक मदद जारी कर चुकी है. इस योजना के तहत देश के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर जैसे प्रवासी मजदूर, कृषि श्रमिक, घरेलू श्रमिक, रेहड़ी-पटरी वालों, निर्माण श्रमिक आदि को लाभ मिलता है.